केस से नाम हटाने की एवज में मांगी 80 हजार की रिश्वत, पैसे लेते सेवानिवृत्त डीएसपी और सिपाही गिरफ्तार

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केस से नाम हटाने की एवज में मांगी 80 हजार की रिश्वत, पैसे लेते सेवानिवृत्त डीएसपी और सिपाही गिरफ्तार

केस से नाम हटाने की एवज में मांगी 80 हजार की रिश्वत, पैसे लेते सेवानिवृत्त डीएसपी और सिपाही गिरफ्तार


( k9 media)ओमेक्स सिटी सोनीपत निवासी मनीष कुमार जयपुर में शेयर बाजार का काम करते हैं। उनके एक कारिंदे को कुछ दिन पहले जयपुर की चित्रकूट थाना पुलिस ने जबरन पैसे मांगने के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में मनीष को फोन कर बताया गया कि उनका नाम भी इस मामले में जुड़ गया है।  

सोनीपत में विजिलेंस की टीम ने राजस्थान के जयपुर स्थित चित्रकूट थाना प्रभारी के रीडर व एक सेवानिवृत्त डीएसपी को 80 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों को मुरथल स्थित सुखदेव ढाबा के पास से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने ओमेक्स सिटी सोनीपत में रहने वाले शेयर कारोबार से जुड़े मनीष से पैसों की मांग की थी।  

सोनीपत विजिलेंस प्रभारी अनिल हुड्डा की टीम को मूलरूप से दिल्ली के घोघा फिलहाल ओमेक्स सिटी सोनीपत निवासी मनीष कुमार ने शिकायत दी थी कि वह राजस्थान के जयपुर में शेयर बाजार का काम करते हैं। वह शेयर बाजार में पैसे लगाने के साथ ही अन्य को भी पैसे लगाने की जानकारी देते हैं। उनके एक कारिंदे को कुछ दिन पहले जयपुर की चित्रकूट थाना पुलिस ने जबरन पैसे मांगने के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में मनीष को फोन कर बताया गया कि उनका नाम भी इस मामले में जुड़ गया है। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया जाएगा। 
गिरफ्तारी से बचने व मामले से नाम हटाने के नाम पर उनसे 20 लाख रुपये की मांग की गई। बाद में उनका छह लाख रुपये में सौदा हुआ था। मनीष ने विजिलेंस को बताया कि सेवानिवृत्त डीएसपी शैलेंद्र कुमार ने मामला निपटवाने की बात कही। वह मामले में बिचौलिया बनकर बात कर रहे थे। उन्होंने जांच अधिकारी से वीडियो कॉल पर बात भी कराई। उसने घबराकर आरोपियों के पास पेटीएम के माध्यम से 28 जुलाई को 20 हजार रुपये भेज दिए। बाद में 20 हजार रुपये 12 अगस्त को भेजे।

उसने मामले से विजिलेंस को अवगत कराया। विजिलेंस के कहने पर उसने आरोपियों को मुरथल सुखदेव ढाबे के पास बुला लिया। विजिलेंस ने मामले से अधिकारियों को अवगत कराया। जिस पर अनिल हुड्डा के नेतृत्व में टीम बनाई गई। इसके लिए नायब तहसीलदार दिनेश कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया। जब आरोपी पैसे लेने सुखदेव ढाबे के पास आए तो उन्हें 80 हजार रुपये लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। टीम ने उनके पास से पैसे बरामद कर लिए हैं। आरोपियों की पहचान सिपाही दशरथ व शैलेंद्र सिंह के रूप में हुई। दशरथ सिंह चित्रकूट थाना प्रभारी का रीडर है। वहीं शैलेंद्र सिंह राजस्थान पुलिस से सेवानिवृत्त डीएसपी है। उन्हें अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया गया है।
 शेयर बाजार में काम करने वाले मनीष ने रिश्वत मांगने की शिकायत दी थी। जिस पर मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपियों को पैसे लेने के बहाने बुलाया गया था। जैसे ही मनीष ने आरोपियों को रिश्वत की राशि दी उन्हें रंगे हाथ काबू कर लिया गया। दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। मामले में अन्य की संलिप्तता का पता लगाया जाएगा। -  इंस्पेक्टर अनिल हुड्डा, प्रभारी, विजिलेंस सोनीपत

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