अखाड़ा हत्याकांड : 6 की जान लेने वाले हत्यारे को जेल में सता रहा अपनी जान का खतरा, बोला - जेल में हो सकती है हत्या, शिफ्ट करो

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अखाड़ा हत्याकांड : 6 की जान लेने वाले हत्यारे को जेल में सता रहा अपनी जान का खतरा, बोला - जेल में हो सकती है हत्या, शिफ्ट करो

अखाड़ा हत्याकांड : 6 की जान लेने वाले हत्यारे को जेल में सता रहा अपनी जान का खतरा, बोला - जेल में हो सकती है हत्या, शिफ्ट करो


अखाड़ा हत्याकांड के आरोपी सुखविंद्र कोच को सुनारिया जेल में सलाखों के पीछे जान का खतरा सता रहा है। वकील के माध्यम से अदालत में याचिका दायर कर रोहतक से करनाल या भोंडसी जेल में स्थानांतरित करने की मांग की है। एएसजे डॉ. गगनगीत कौर की अदालत ने जेल प्रशासन से 10 सितंबर तक दोबारा जवाब मांगा है। वहीं, पीड़ित पक्ष ने याचिका का विरोध किया है।आरोपी सुखविंद्र के अनुसार यहां पर उसके ऊपर जिन लोगों की हत्या का आरोप लगा है उनके गांव के कई युवक बंदी हैं। ये युवक मोखरा और मांडोठी गांव के हैं। इन लोगों से ही सुखविंद्र ने खतरा बताया है। बुधवार को आरोपी सुखविंद्र की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें वारदात में मृतक मनोज मलिक पक्ष के एडवोकेट जय हुड्‌डा ने आरोपी सुखविंद्र की याचिका नामंजूर करने को कहा। उन्होंने कहा कि अभी आरोपी सुखविंदर सुनारिया जेल की स्पेशल सेल में बंद है। कोर्ट में अभी मामले की सुनवाई बाकी है। रोहतक से दूर की जेल में ट्रांसफर करने के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश करने में जेल प्रशासन और पुलिस प्रशासन को दिक्कत होगी। दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई करने के बाद अब कोर्ट ने जेल प्रशासन से 10 सितंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है।

गौरतलब है कि हरियाणा के रोहतक जिले में फरवरी 2021 में हुए बहुचर्चित जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड में 21 सितंबर को कोर्ट में बहुत ही अहम सुनवाई होनी है। इस सुनवाई में 6 हत्याओं के आरोपी सुखविंदर पर आरोप तय हो सकते हैं। ऐसे में कोर्ट कार्रवाई आगे बढ़े और ट्रायल आदि में देरी हो, इसके लिए आरोपी ने नई गेम खेली है। आरोपी सुखविंदर ने अपने वकील के जरिए कोर्ट में सुरक्षा याचिका दायर की है, जिसमें उसने सुनारिया जेल में अन्य बंदियों से खुद की जान का खतरा बताते हुए करनाल या भौंडसी जेल में ट्रांसफर किए जाने की मांग रखी है। आरोपी सुख‌विंदर ने यह याचिका मंगलवार 7 सितंबर को दायर ‌की थी, जिसकी सुनवाई 8 सितंबर को हुई। सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता पक्ष के वकील जय हुड्डा के अलावा पुलिस और जेल प्रशासन ने अपना तर्क दिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सुनारिया जेल प्रशासन से इस संबंध में पूरी जानकारी के साथ जबाव मांगा है।

मामले में शिकायतकर्ता पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट जय हुड्डा का कहना है कि आरोपी सुखविंदर ने यह तर्क दिया है कि सुनारिया जेल में मोखरा, मांडौठी आदि क्षेत्रों के कैदी भी हैं। इन क्षेत्रों के दो लोगों की हत्याओं का उस पर आरोप है, जिसके चलते उसे इन बंदियों से उसे अपनी जान का खतरा है। इसलिए उसे यहां से करनाल एवं भौंडसी जेल में ट्रांसफर किया जाए। एडवोकेट हुड्डा के मुताबिक, आरोपी 21 सितंबर को होने वाली आगामी सुनवाई को टालने के लिए यह गेम खेल रहा है। क्योंकि यहां से ट्रांसफर करने पर उसे तारीख पर कोर्ट में लाने और ट्रायल आदि में देरी होनी लाजमी होगी। जिससे तारीख आगे बढ़ने की संभावना रहेगी।

आरोपी की याचिका पर कोर्ट में रोहतक पुलिस व जेल प्रशासन ने भी अपना जबाव दिया है। जेल प्रशासन ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को सुनारिया जेल में अलग बैरक में रखा जा रहा है। वह अन्य बंदियों से दूर है। उसकी जान को वहां कोई खतरा नहीं है। वहीं रोहतक पुलिस ने जबाव दिया है कि बीच रास्ते से आरोपी को दूसरे जिले से रोहतक कोर्ट लाने में सुरक्षा के नजरिए से काफी जद्दोजहद करनी पड़ेगी। दूसरे जिलों की जेल से ज्यादा सुरक्षित रोहतक सुनारिया जेल है।

बता दें कि शहर के जाट कॉलेज अखाड़े में 12 फरवरी को कोच सुखविंद्र ने मुख्य कोच मनोज समेत 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतकों में मुख्य कोच मनोज के अलावा, उसकी पत्नी साक्षी, 3 साल का बेटा सरताज, कोच प्रदीप, सतीश और पूजा शामिल थे। पुलिस ने आरोपी कोच सुखविंद्र और उसको हथियार उपलब्ध कराने वाले मनोज को गिरफ्तार किया है। मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है।

मनोज मलिक और साक्षी ने अखाड़े में आने से रोका थाजाट कॉलेज अखाड़ा के सीनियर कोच मनोज मलिक व उसकी पत्नी साक्षी मलिक ने आरोपी कोच सुखविंदर को उसके खिलाफ मिल रही शिकायतों के कारण अखाड़े में आने से मना किया था। मनोज मलिक जाट कॉलेज में डीपी के पद पर कार्यरत थे। कॉलेज के पीछे बना अखाड़ा भी मनोज की देखरेख में चलता था। इसी अखाड़े में सुखविंदर भी कोचिंग देता था। वारदात के करीब 5 माह पहले दो महिला खिलाड़ियों ने मनोज से सुखविंदर की शिकायत की थी। शिकायत मिलने के बाद मनोज ने सुखविंदर को मना कर दिया था कि वह कोचिंग देने अखाड़े में न आए। इसी रंजिश के चलते मनोज और साक्षी की हत्या की गई थी। इनके तीन साल के बेटे सरताज की किसी के सा‌थ कोई दुश्मनी नहीं थी। लेकिन उसके सिर में भी गोली मारी गई थी, जो आंख से आर-पार हो गई थी। सरताज 4 दिन तक अपनी जिंदगी की लड़ाई लड़ता-लड़ता दम तोड़ गया था।

गांव मोखरा का रहने वाला प्रदीप मलिक अखाड़े में कभी-कभी कोचिंग देने के लिए आता था। वह रेलवे में टीटी था और समय मिलने पर अखाड़े में आता था। पहले इसी अखाड़े में सुखविंदर ने उसे प्रशिक्षण दिया था। लेकिन कुछ समय से प्रदीप और सतीश में नजदीकियां बढ़ गई थीं और सुखविंदर की अनदेखी शुरू हो गई थी। वहीँ कोच सतीश दलाल गांव मांडौठी का रहने वाला था। इसी अखाड़े में वह सुखविंदर के साथ कोचिंग देता था। लेकिन कुश्ती के अच्छे खिलाड़ी सतीश को अहमियत देने लगे थे और सुखविंदर से कोचिंग लेने से कतराने लगे थे। इस वजह से खिलाड़ियों को लेकर दोनों के बीच आपसी मनमुटाव भी था।

मूल रुप से उत्तर प्रदेश के मथुरा की रहने वाली पहलवान पूजा तोमर ने दंगल फिल्म देखकर हरियाणा के रोहतक से कुश्ती सीखने का फैसला लिया था। जिसके बाद वह जाट अखाड़ा में ट्रेनिंग लेने लगी। यहां पर आरोपी सुखविंदर उसे परेशान करता था। जिसकी शिकायत पूजा ने सीनियर कोच मनोज को दी थी। इसी शिकायत पर मनोज व साक्षी ने सुखविंदर को अखाड़े में आने से मना कर दिया था।

अमरजीत मेहर सिंह अखाड़े में कोचिंग देते थे। इनसे पहले यहां सुखविंदर प्रैक्टिस करवाता था। शिकायत मिलने के बाद सुखविंदर को हटा दिया गया था और अमरजीत कोचिंग देने लगे थे। सुखविंदर ने अमरजीत को अखाड़े में कोच बनने से मना किया था, लेकिन अमरजीत माना नहीं। यही रंजिश उसके मन में पल रही थी। वारदात वाली शाम सुखविंदर ने अमरजीत को मेहर सिंह अखाड़े से फोन करके बुलाया था और उसे गोली मार दी थी। गोली मुंह से आर-पार हो गई थी। करीब 10 दिन के इलाज के बाद वह सकुशल घर लौट गए थे।

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