समावेशी समाज की स्थापना में डा. भीमराव अंबेडकर का विशेष योगदान है

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समावेशी समाज की स्थापना में डा. भीमराव अंबेडकर का विशेष योगदान है

समावेशी समाज की स्थापना में डा. भीमराव अंबेडकर का विशेष योगदान है


रोहतक, 14 अप्रैल। राष्ट्र के महान समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, विधिवेत्ता तथा भारतीय संविधान के ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष बाबा साहेब डा. बी.आर. अंबेडकर को उनके 130वें जन्म दिवस पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) में श्रद्धासुमन अर्पित किए गए तथा समाज व राष्ट्र निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान को सराहा गया।
मदवि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. राजकुमार, प्रोफेसर-प्रभारी डा. अंबेडकर शोधपीठ प्रो. के वी चमार, निदेशक (यूनिवर्सिटी आउटरीच) प्रो. रणबीर सिंह गुलिया समेत विवि प्राध्यापकगण, पूर्व प्रधान , गैर शिक्षक कर्मचारी संघ फूल कुमार बोहत ने टैगोर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में डा. अंबेडकर के पोट्रेट पर पुष्प अर्पित किए तथा डा. अंबेडकर को नमन किया।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि समावेशी समाज की स्थापना में डा. भीमराव अंबेडकर का विशेष योगदान है। उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर का सामाजिक, आर्थिक दर्शन समावेशी समाज की स्थापना को सुदृढ़ करता है। कुलपति ने कहा कि बाबा साहेब ने मानव संसाधन एवं शिक्षा के विकास पर विशेष बल दिया। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने विवि परिसर में डा. भीमराव अंबेडकर की भव्य प्रतिमा की  स्थापना की घोषणा की। कुलपति ने कहा कि भविष्य में डा. अंबेडकर व्याख्यान श्रृंखला प्रारंभ की जाएगी जो कि डा. अंबेडकर शोधपीठ के तत्वावधान में संचालित की जाएगी।
कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने बाबा साहेब को संविधान निर्माता की संज्ञा दी। प्रो. तनेजा ने डा. अंबेडकर के योगदान का उल्लेख किया।
 कार्यक्रम के प्रारम्भ में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. राज कुमार ने बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर के आर्थिक दर्शन पर प्रकाश डाला। प्रो. राजकुमार ने कहा कि आधुनिक भारत की आर्थिक नीतियों पर डा. अंबेडकर के दर्शन का प्रभाव रहा।
इस अवसर पर 'वर्तमान परिदृश्य में डा. बी. आर. अंबेडकर की आर्थिक दृष्टि (विजन) की प्रासंगिकता' विषयक आनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व सचिव डा. आर.के. चौहान इस आनलाइन संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। प्रो. चौहान ने आर्थिक क्षेत्र में डा. बी.आर. अंबेडकर के योगदान को रेखांकित किया।
संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (नई दिल्ली) के प्रो. नरेन्द्र कुमार ने भारत की मौद्रिक नीति निर्माण, समाजवादी राज्य व कल्याणकारी राज्य अवधारणा तथा न्यायोचित श्रम कानून निर्माण में डा. अंबेडकर के योगदान को रेखांकित किया। अपने विद्वतापूर्ण व्याख्यान में प्रो. नरेन्द्र कुमार ने बाबा साहेब के दूरगामी सामाजिक-आर्थिक दर्शन को स्पष्ट किया।
कार्यक्रम का संचालन इमसार के प्राध्यापक डा. कुलदीप चौधरी ने किया।निदेशक युवा कल्याण जगबीर राठी ने कार्यक्रम का समन्वयन किया । आभार प्रदर्शन प्रो राज कुमार ने किया ।
आज के कार्यक्रम का आयोजन मदवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय, डा. अंबेडकर चेयर तथा इमसार ने किया।

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