BJP सांसद संघमित्रा मौर्य के बयान ने चौंकाया, कर डाली जातिगत जनगणना की मांग
लखनऊः यूपी में ब्राह्मण सम्मेलन के साथ-साथ अब जाति जनगणना का मुद्दा भी चर्चा में है। मानसून सत्र में लोकसभा में बोलते हुए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी जातिगत जनगणना की मांग की थी। वहीं अब बीजेपी के स्टैंड से उलट बदायूं सांसद संघमित्रा मौर्य ने केंद्र सरकार से जाति जनगणना की मांग उठा दी है। संघमित्रा मौर्य ने कहा कि लोकसभा से पास हुए ओबीसी बिल से काफी मदद मिलेगी खासतौर यूपी में। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस के शासन में कभी भी जाति जनगणना नहीं हुई। आखिरी बार 1931 में जातिगत जनगणना हुई थी। पिछले काफी लंबे समय से जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग की जा रही है. इससे ओबीसी समुदाय को फायदा मिलेगा और जातिगत जनगणना होनी चाहिए।
यूपी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य ने मंगलवार को ओबीसी आरक्षण बिल के मसले पर बीजेपी की ओर से सबसे पहले पार्टी का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि 1931 में जब जातिगत जनगणना हुई थी, तब देश में 52 फीसदी ओबीसी थे, लेकिन, अब किसी को कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में जातिगत जनगणना होती है तो ओबीसी समुदाय को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने जातिगत जनगणना का विरोध किया था, लेकिन अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यों को इसका अधिकार दे दिया है।
बता दें कि अखिलेश यादव ने था कि भाजपा सिर्फ ओबीसी समुदाय का वोट लेना चाहती है, अगर उसे थोड़ी सी भी चिंता है तो तुरंत जातिगत जनगणना करवाए।