कोरोना काल में भी पिछले 3 महीनों से वेतन न मिलने के कारण भगत फूल सिंह महिला विश्विद्यालय के अस्थायी अस्सिस्टेंट प्रोफेसर भीख मांगने के लिए मजबूर

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कोरोना काल में भी पिछले 3 महीनों से वेतन न मिलने के कारण भगत फूल सिंह महिला विश्विद्यालय के अस्थायी अस्सिस्टेंट प्रोफेसर भीख मांगने के लिए मजबूर

कोरोना काल में भी पिछले 3 महीनों से वेतन न मिलने के कारण भगत फूल सिंह महिला विश्विद्यालय के अस्थायी अस्सिस्टेंट प्रोफेसर भीख मांगने के लिए मजबूर


कोरोना काल में भी पिछले 3 महीनों से वेतन न मिलने के कारण भगत फूल सिंह महिला विश्विद्यालय के अस्थायी अस्सिस्टेंट प्रोफेसर भीख मांगने के लिए मजबूर
प्रैस विज्ञप्ति:
गोहाना, 08 मई, 2021:
 भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय के अस्थायी असिस्टेंट प्रोफेसरों कोरोना काल मे भी अपने सभी कार्य सुचारू रूप से जैसे ऑनलाइन क्लास लेना व विभागीय प्रशासनिक कार्य आदि भी कर रहे हैं। लेकिन इस मुश्किल घड़ी में भी ये पिछले 3 महीनों से वेतन न मिलने के कारण अस्थायी अस्सिस्टेंट प्रोफेसर भीख मांगने के लिए मजबूर हो गए हैं।  आज इस महामारी के कारण मेडिकल व घरेलू सुविधाओं के लिए इनके पास पैसे नहीं जोकि जीवित रहने के लिए बहुत ही जरूरी हैं। इनकी स्थिति दिन प्रतिदिन बिल्कुल दयनीय होती जा रही है। 
इसी बीच इनके बढे हुए वेतनमान 57,700 देने के लिए माननीय कुलपति प्रोफेसर सुषमा यादव ने पूछताछ कमेटी गठित की।  कुलपति द्वारा इस कमेटी के कन्वेनर पूर्व कुलपति एवं कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय के इकोनॉमिक्स विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर मदन मोहन गोयल जी को अस्थायी अस्सिस्टेंट प्रोफेसर का बढ़ा हुआ वेतन देरी से मिलने के कारण का पता लगाकर रिपोर्ट सबमिट करने के लिए कहा गया ।
प्रोफेसर एम एम गोयल ने सर्वप्रथम अस्थायी अस्सिस्टेंट प्रोफेसर के साथ मीटिंग लेकर इस विषय पर उन का पक्ष सुन कर इस मे हो रही देरी का कारण पता करने की कोशिश की गई। इस मीटिंग में कन्वेनर प्रोफेसर मदन मोहन गोयल जी,पीठासीन अधिकारी (बीपीएस विश्विद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार) श्री संजीव जोशी व अस्थायी अस्सिस्टेंट प्रोफेसर की ओर से विजय, इंदु, पूजा, दिनेश, हमित व शीतल मौजूद रहे। इनकी मीटिंग के उपरांत उन्होंने कुलसचिव, वित्त विभाग के अधिकारी राजेश कुमार मनोचा,डीन एकेडेमिक अफेयर प्रोफेसर अजीत सिंह, व वेतन से संबंधित मामले में शामिल  विश्वविद्यालय के अन्य उच्च अधिकारियों  के साथ मीटिंग ली। 
विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि प्रोफेसर एम. एम. गोयल जी अपनी रिपोर्ट सबमिट कर चुके हैं। अस्थायी अस्सिस्टेंट प्रोफेसरों को उम्मीद है कि अब उनकी रुकी हुई सैलरी जोकि 3 फरवरी के समझौते के अनुसार फ़रवरी महीने की मार्च में आनी थी वो एरियर के साथ आ जाएगी।

परन्तु धरातल का सत्य यह है कि इस कोरोना काल मे आज जब हर किसी को पैसे की बहुत सख्त जरूरत है तथा दूसरे लोग समाज सेवा कर दूसरों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। वही  विश्वविद्यालय प्रशासन अपने ही कर्मचारियों को बेसहारा छोड़ कर ऐसी स्थिति में खड़ा कर  रहा है जहां ये अपनी जीविका चलाने व इस भयंकर महामारी में अपने  व अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए उनके भीख मांगने जैसी नौबत आने पर मजबूर हो रहे हैं इन  परिस्थितियों को देखकर बहुत से अस्थायी अस्सिस्टेंट प्रोफेसर का कहना  है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ऐसा करके उनको तीसरी बार आंदोलन करने पर भी मजबूर कर रहा है। 

   इन्होंने 17 अप्रैल को मेल द्वारा CDLU, सिरसा ने जैसे 57,700 रुपये सभी को दे दिए उनके नोटिफिकेशन की मेल भी सभी वेतन संबंधित अधिकारियों को भेज चुके हैं लेकिन आजतक कोई यथोचित कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

कोरोना काल में भी पिछले 3 महीनों से वेतन न मिलने के कारण भगत फूल सिंह महिला विश्विद्यालय के अस्थायी अस्सिस्टेंट प्रोफेसर भीख मांगने के लिए मजबूर

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