मेरठ : 35 फीट ऊंची कांवड़ हाईटेंशन लाइन से टकराने से हुई 2 कावड़ियों की हुई मौत
मेरठ में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से 7 कांवड़िए झुलस गए। कांवड़िए 35 फीट ऊंची कांवड़ लेकर हरिद्वार से दिल्ली जा रहे थे। तभी बागपत फ्लाईओवर पर करंट की चपेट में आ गए। सभी कांवड़िए सुभारती अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं।
उधर, सहारनपुर में हरियाणा के 2 कांवड़ियों की करंट लगने से मौत हो गई। ट्रैक्टर सवार 25 कांवड़िए मंगलवार तड़के हरिद्वार से जा रहे थे। गूगल मैप से रास्ता भटक गए। सड़क से उतरकर कच्चे रास्ते से जा रहे थे, तभी नककूप के तार में ट्रैक्टर के लोहे का एंगल छू गया।
दिल्ली के शालीमार बाग हैदरपुर के 14 कांवड़िए हरिद्वार से 35 फीट ऊंची कांवड़ लेकर जा रहे थे। मेरठ में बागपत फ्लाईओवर पर कांवड़ ऊपर हाइटेंशन लाइन से टकरा गई। तेज धमाका हुआ। कांवड़ में आग लग गई। पुलिस और राहगीरों ने कांवड़ की आग बुझाई। सात कांवड़िए झुलस गए। झुलसे लोगों की पहचान करन, विष्णु, इंदर, अमन, संजीव, सुरेंद्र के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार, ट्रैक्टर पर करीब 25 कांवड़िए थे। कांवड़ियों के दो साथी बाइक से पहले से निकल गए थे। इसके बाद बाइक सवार कांवड़ियों ने ट्रैक्टर के कांवड़ियों को गूगल लोकेशन भेजी। ट्रैक्टर पर बैठे कांवड़िये गूगल मैप के अनुसार जा रहे थे। इस कारण वो गलत रास्ते पर उतर गए। रात को दो बजे सड़क पर कोई रास्ता बताने वाला भी नहीं दिख रहा था। इसलिए चालक ने ट्रैक्टर को कच्चे रास्ते पर उतार दिया। जहां पर बिजली के तार नीचे लटके हुए थे। तार ट्रैक्टर में टकरा गए और हादसा हो गया।
उधर, सहारनपुर में हरियाणा के 2 कांवड़ियों की करंट लगने से मौत हो गई। ट्रैक्टर सवार 25 कांवड़िए मंगलवार तड़के हरिद्वार से जा रहे थे। गूगल मैप से रास्ता भटक गए। सड़क से उतरकर कच्चे रास्ते से जा रहे थे, तभी नककूप के तार में ट्रैक्टर के लोहे का एंगल छू गया।
दिल्ली के शालीमार बाग हैदरपुर के 14 कांवड़िए हरिद्वार से 35 फीट ऊंची कांवड़ लेकर जा रहे थे। मेरठ में बागपत फ्लाईओवर पर कांवड़ ऊपर हाइटेंशन लाइन से टकरा गई। तेज धमाका हुआ। कांवड़ में आग लग गई। पुलिस और राहगीरों ने कांवड़ की आग बुझाई। सात कांवड़िए झुलस गए। झुलसे लोगों की पहचान करन, विष्णु, इंदर, अमन, संजीव, सुरेंद्र के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार, ट्रैक्टर पर करीब 25 कांवड़िए थे। कांवड़ियों के दो साथी बाइक से पहले से निकल गए थे। इसके बाद बाइक सवार कांवड़ियों ने ट्रैक्टर के कांवड़ियों को गूगल लोकेशन भेजी। ट्रैक्टर पर बैठे कांवड़िये गूगल मैप के अनुसार जा रहे थे। इस कारण वो गलत रास्ते पर उतर गए। रात को दो बजे सड़क पर कोई रास्ता बताने वाला भी नहीं दिख रहा था। इसलिए चालक ने ट्रैक्टर को कच्चे रास्ते पर उतार दिया। जहां पर बिजली के तार नीचे लटके हुए थे। तार ट्रैक्टर में टकरा गए और हादसा हो गया।