59 साल के बुजुर्ग ने बदला हाई कोर्ट का नियम, कैसे ?
मामला पश्चिम बंगाल का है जहां एक दंपति के इकलौते बेटे ने साल 2023 में आत्महत्या कर ली थी। बिना बच्चे के दंपति का संसार सुना हो गया। इसके बाद उन्होंने फिर से माता-पिता बनने का फैसला लिया और इसके लिए एक प्राइवेट क्लिनिक से संपर्क किया । डॉक्टरों ने जांच में महिला को स्वस्थ पाया और आईवीएफ के जरिए बच्चे को जन्म देने की सलाह ली।
आईवीएफ इलाज के लिए पति की उम्र ज्यादा हो गई थी। वह 59 साल का हो चुका था। असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) अधिनियम 2021 के तहत 55 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों और 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं का आईवीएफ तकनीक से इलाज नहीं किया जा सकता है।
बच्चे की आस में पति की उम्र बाधा बन रही थी। इस पर दंपति ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। HC ने अपने आदेश में कहा कि महिला की आयु 46 साल है और वो उम्र की सीमा को पार नहीं करती है। ऐसे में दंपति आईवीएफ के जरिए बच्चा पैदा करने के लिए स्वतंत्र है। हाई कोर्ट ने आईवीएफ की अनुमति दे दी।
आईवीएफ इलाज के लिए पति की उम्र ज्यादा हो गई थी। वह 59 साल का हो चुका था। असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) अधिनियम 2021 के तहत 55 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों और 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं का आईवीएफ तकनीक से इलाज नहीं किया जा सकता है।
बच्चे की आस में पति की उम्र बाधा बन रही थी। इस पर दंपति ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। HC ने अपने आदेश में कहा कि महिला की आयु 46 साल है और वो उम्र की सीमा को पार नहीं करती है। ऐसे में दंपति आईवीएफ के जरिए बच्चा पैदा करने के लिए स्वतंत्र है। हाई कोर्ट ने आईवीएफ की अनुमति दे दी।