कैथल में ASI को सुनाई 4 साल की सजा, देखिए पूरा मामला

कैथल में कोर्ट ने एक रिश्वत के मामले में फैसला सुनाया है. अतिरिक्त सेशन जज नंदिता की कोर्ट ने पुलिस के एक एएसआई सुखबीर सिंह को को चार साल की कैद और 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि इसी एक केस में एक अन्य एसआई धर्मपाल को बरी कर दिया गया है। शमशेर सिंह नाम का व्यक्ति जो चीका का रहने वाला है उसने एंटी करप्शन ब्यूरो अंबाला में भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम की धारा 7 के तहत 4 अक्तूबर 2022 को मुकदमा नंबर 26 दर्ज करवाया था।
इस मामले में बरी एएसआई धर्मपाल के वकील सचिन जैन ने बताया कि चीका पुलिस ने 2 अक्टूबर 2022 को चीका निवासी सिंगारा सिंह के खिलाफ एनडीपीएस की धारा 15-बी के तहत मुकदमा नंबर 408 दर्ज किया था। इस केस में पुलिस ने सिंगारा सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद सिंगारा सिंह का बेटा शमशेर सिंह थाना चीका में गया तो वहां पर एसआई धर्मपाल और एएसआई सुखबीर सिंह ने उससे कहा कि तेरा नाम भी हमें धारा 29 के तहत केस में डालना है। अगर बचना है तो हमें 60,000 रुपए दे। इस पर शमशेर घबरा गया और उसी शाम उनको 45 हजार रुपए दे आया। इसके बाद दोनों पुलिस कर्मी शमशेर से 10,000 रुपए मांगने लगे। शमशेर ने कहा कि पैसे थोड़े कम कर लो तो एसआई धर्मपाल व एएसआई सुखबीर सिहं ने कहा कि 8000 रुपए दे दो। इसकी शिकायत शमशेर ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो कुरुक्षेत्र से कर दी। वह रिश्वत के पैसे उन्हें देना नहीं चाहता था।
एसवीबी ने योजनाबद्ध तरीके से शमशेर को 8000 रुपए देकर धर्मपाल व सुखबीर के पास भेजा ताकि उनके रंगे हाथों पकड़ा जा सके। इस प्रकार केस में फंसाने का डर दिखाकर रिश्वत मांगने के आरोप में धर्मपाल व सुखबीर को गिरफ्तार कर लिया गया। एसीबी ने चालान तैयार करके अदालत में पेश कर दिया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एएसआई सुखीर को रिश्वत का दोषी पाया तथा उसे चार साल के कारावास तथा 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। एसआई धर्मपाल को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है।