Haryana News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रमोशन मामले अपनाया कड़ा रूख, 2015 से अब तक के सभी शिक्षा महानिदेशक तलब

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Haryana News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रमोशन मामले अपनाया कड़ा रूख, 2015 से अब तक के सभी शिक्षा महानिदेशक तलब

Haryana News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रमोशन मामले अपनाया कड़ा रूख, 2015 से अब तक के सभी शिक्षा महानिदेशक तलब", "url":"https://bharat9.com/haryana/chandigarh-the-punjab-and-haryana-high-c

Haryana News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रमोशन मामले अपनाया कड़ा रूख, 2015 से अब तक के सभी शिक्षा महानिदेशक तलब


Haryana News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अदालत में झूठी जानकारी देने पर कड़ा रुख अपनाते हुए एमएल कौशिक व उनके बाद शिक्षा विभाग में महानिदेशक रहे सभी अधिकारियों को 7 नवंबर को कोर्ट में हाजिर होकर जवाब देना होगा कि क्यों ना उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना के तहत कार्रवाई की जाए। 

कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि यदि अधिकारी मौजूद नहीं रहे तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर बुलाया जाएगा। याचिका दाखिल करते हुए अंजू कुमारी शर्मा व अन्य ने एडवोकेट दीपक सोनक के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि 2013 में सरकार ने कुछ शिक्षकों को पदोन्नत कर हेड मास्टर बना दिया था और इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी । 

हाईकोर्ट ने कहा था कि नए नियम आने के बाद पुराने नियमों के आधार पर पदोन्नति नहीं दी जा सकती। ऐसे में पदोन्नति के आदेश रद्द करते हुए याचिकाकर्ताओं को पदोन्नत करने पर विचार का आदेश दिया था। आदेश का पालन न होने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई थी। हरियाणा सरकार ने 2016 में अवमानना याचिका में जानकारी दी थी कि याचिकाकर्ताओं को पदोन्नत कर हेड मास्टर बना दिया गया है। 

इस जानकारी के आधार पर हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया था लेकिन आज तक उन्हें पदोन्नत नहीं किया गया है। हाईकोर्ट ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा कि सात साल बीत जाने के बाद भी याचिकाकर्ताओं को पदोन्नत नहीं किया गया। 

सरकार के रवैये पर हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि इस प्रकार का रवैया किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि झूठी जानकारी तत्कालीन शिक्षा विभाग के महानिदेशक एमएल कौशिक के समय में दी गई थी 

और ऐसे में प्रथम दृष्टया वे अवमानना के दोषी हैं लेकिन उनके बाद यह पद संभालने वाले भी अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते। ऐसे में 2015 से अब तक शिक्षा महानिदेशक के पद पर जिन अधिकारियों ने भी काम किया है, उन सभी को हाईकोर्ट ने तलब कर लिया है।
 

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