“आप” प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर खट्टर सरकार को घेरा
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“आप” प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर खट्टर सरकार को घेरा
अस्पतालों की हालत खराब, अनिल विज व सीएम खट्टर आपसी झगड़े में व्यस्त : चित्रा सरवारा
22 दिनों से स्वास्थ्य मंत्रालय की फाइलें अटकी पड़ी : चित्रा सरवारा
स्वास्थ्य मंत्री को सिर्फ एक रबर स्टैंप बनाकर छोड़ा : चित्रा सरवारा
सीएमओ और स्वास्थ्य मंत्रालय की लड़ाई में प्रदेश की जनता पिस रही : चित्रा सरवारा
अपना अहम त्याग कर जनता की मदद करे गृहमंत्री : चित्रा सरवारा
चंडीगढ़, 29 अक्टूबर
आम आदमी पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने रविवार को बयान जारी कर प्रदेश में स्वस्थ्य व्यवस्था को लेकर खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 22 दिनों से स्वास्थ्य मंत्रालय की फाइलें अटकी हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और सीएमओ कार्यालय की लड़ाई के चलते पूरे हरियाणा में स्वस्थ्य सेवाओं की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रदेश में डेंगू भयावह स्थिति में है, जनता को इलाज, डॉक्टर, दवाई नहीं मिल पा रही और एक-एक बिस्तर पर तीन-तीन मरीज हैं। सीएमओ कार्यालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की लड़ाई में प्रदेश की जनता पिस रही है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा का एक्यूआई बुरी स्थिति में है, सबसे प्रदूषित प्रदेशों में हरियाणा है। वायु प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में मुश्किल हो रही है, क्या स्वस्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक बार भी कोई ऐसा कदम उठाया जिससे वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के लिए कुछ किया जा सके। इसकी ओर खट्टर सरकार और स्वस्थ्य मंत्रालय का कोई ध्यान नहीं है और न ही अब तक कोई ठोस कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के एक गांव में कुड़े के ढेर ने पूरे गांव के पानी को जहरीला कर दिया है, आज लोग वहां मर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की उसकी तरफ ध्यान देने में कोई रुचि नहीं है।
उन्होंने कहा कि पहले भी मुख्यमंत्री खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज की आपस की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। पहले भी सीआईडी विभाग किसको रिपोर्ट करेगा को लेकर दोनों की आपस में खिंचतान रही है। यह आपसी लड़ाई अब इस कदर बढ़ चुकी है कि स्वास्थ्य मंत्री को बिना बताए सीएमओ के अफसर हेल्थ डिपार्टमेंट की मीटिंग्स लेने लग गए हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को सिर्फ एक रबर स्टैंप बनाकर छोड़ दिया है। अब स्वास्थ्य व गृहमंत्री अनिल विज ने स्वास्थ्य विभाग का काम देखने से मना कर दिया है। इन दोनों की आपसी लड़ाई में जनता बुरी तरह पीस रही है। हेल्थ डिपार्टमेंट के सारे काम रूके हुए हैं, फाइल जमा होती जा रही हैं। लोगों की सेहत और लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों की हालत खराब है, लेकिन अनिल विज और सीएम खट्टर आपसी झगड़े में व्यस्त हैं। अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं, टेस्ट के लिए मशीन नहीं हैं और न अस्पतालों में डॉक्टर हैं। उन्होंने कहा कि 2015 में रेवाड़ी में एम्स की घोषणा की थी आज तक उस एम्स का शिलान्यास नहीं करवा पाए, क्योंकि इनको लोगों की सेहत से कोई मतलब नहीं है, इनकों केवल अपनी कुर्सी से मतलब है।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित 250 बच्चों के परिवार को एक महीने से ऊपर हो गया सरकार का दरवाजा खटखटा रहे हैं। सरकार ने पीड़ित परिवारों से 5 लाख रुपए का इलाज मुहैया कराने और 2750 रुपए महीने देने देने का वादा किया था, लेकिन इनको कुछ नहीं दिया गया। हरियाणा में ऐसा लग रहा है कि जनता के प्राण जाए पर अहम न जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा के गृहमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री कहते थे कि मेरी फाइलें गोली की तरह चलती हैं और आज वो कह रहे हैं अफसर मेरी फाइलों में अड़चने डाल रहे हैं। ये बातें प्रदेश की जनात की समझ से परे हैं, इसलिए गृहमंत्री आपने अहम को त्याग कर अपने दायित्व की तरफ ध्यान दे और जनता की मदद करे।