सोनीपत : सोनीपत लोकसभा सीट से जीते कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी , BJP जीतकर भी हारी
हरियाणा के सोनीपत में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी ने भाजपा के मोहनलाल बड़ौली को 21816 मतों से हरा दिया। कांग्रेस ने सोनीपत में 10 साल बाद फिर वापसी की है। सतपाल को 548682 तो भाजपा के मोहनलाल को 526866 मत मिले। नौ में छह विधानसभा सीट जीतकर भी भाजपा हार गई।
22 प्रत्याशियों में 20 की जमानत जब्त हो गई है। बहुजन समाज पार्टी के उमेश कुमार ने 12822 वोट लेकर तीसरा स्थान प्राप्त किया। इनेलो के अनूप दहिया को 11523 तो जजपा के भूपेंद्र मलिक को 7820 वोट मिले।
लोकसभा सीट पर मतगणना के साथ ही करीबी मुकाबला दिखाई देने लगा था। शुरुआत से ही भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर रही। सुबह 8 बजे शुरू हुए मतदान के पहले व दूसरे राउंड से ही कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी ने बढ़त बनानी शुरू कर दी थी।
दोपहर को सोनीपत विधानसभा की गिनती शुरू हुई तो वह अचानक मोहनलाल से पिछड़ते दिखाई दिए, लेकिन अंत के सभी राउंड में वह लगातार लीड को बढ़ाते चले गए। आखिर में 21816 मत से वह जीतने में कामयाब रहे।
सतपाल को बरोदा से सबसे बड़ी लीड मिली, जबकि जुलाना व खरखौदा की लीड ने उनकी जीत आसान बना दी। सोनीपत विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी जीत मोहनलाल बड़ौली ने दर्ज, लेकिन राई, गन्नौर, गोहाना विधानसभाओं से वह जीतने में कामयाब रहे, लेकिन अपेक्षित लीड नहीं ले पाने के कारण आखिरी के राउंड में लगातार पिछड़ते गए।
22 प्रत्याशियों में 20 की जमानत जब्त हो गई है। बहुजन समाज पार्टी के उमेश कुमार ने 12822 वोट लेकर तीसरा स्थान प्राप्त किया। इनेलो के अनूप दहिया को 11523 तो जजपा के भूपेंद्र मलिक को 7820 वोट मिले।
लोकसभा सीट पर मतगणना के साथ ही करीबी मुकाबला दिखाई देने लगा था। शुरुआत से ही भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर रही। सुबह 8 बजे शुरू हुए मतदान के पहले व दूसरे राउंड से ही कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी ने बढ़त बनानी शुरू कर दी थी।
दोपहर को सोनीपत विधानसभा की गिनती शुरू हुई तो वह अचानक मोहनलाल से पिछड़ते दिखाई दिए, लेकिन अंत के सभी राउंड में वह लगातार लीड को बढ़ाते चले गए। आखिर में 21816 मत से वह जीतने में कामयाब रहे।
सतपाल को बरोदा से सबसे बड़ी लीड मिली, जबकि जुलाना व खरखौदा की लीड ने उनकी जीत आसान बना दी। सोनीपत विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी जीत मोहनलाल बड़ौली ने दर्ज, लेकिन राई, गन्नौर, गोहाना विधानसभाओं से वह जीतने में कामयाब रहे, लेकिन अपेक्षित लीड नहीं ले पाने के कारण आखिरी के राउंड में लगातार पिछड़ते गए।