उत्तर प्रदेश : सोते बच्चो पर किया कुत्तो ने हमला , एक की मौके पर हुई मौत
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कानपुर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहां गोविंदनगर की सीटीआई कच्ची बस्ती में घर के बाहर रविवार रात मां के साथ सो रहे दो मासूमों पर कुत्तों ने हमला कर दिया। गले पर हमला करने के कारण पांच साल की बच्ची की मौत हो गई। वहीं, दो साल का बेटा अस्पताल में गंभीर स्थिति में है। घटना के बाद परिजनों ने नगर निगम की अनदेखी और मुआवजे की मांग को लेकर करीब आधे घंटे तक दादानगर फ्लाईओवर जाम रखा।
कच्ची बस्ती निवासी छोटू पार्टियों में वेटर का काम करता है। पत्नी पूजा कूड़ा बीनने का काम करती है। रविवार रात करीब साढ़े 12 बजे बड़ी बेटी खुशी (5) और भोला (2) घर के बाहर मां के साथ सो रहे थे। इसी दौरान आसपास मंडरा रहे कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। जब तक पूजा की चीख सुनकर छोटू व आसपड़ोस के लोग कुछ कर पाते, कुत्तों ने दोनों मासूमों के शरीर को नोंच डाला। कुत्तों को भगाकर परिजन दोनों को रतनलालनगर स्थित एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने खुशी को मृत घोषित कर दिया।
वहीं, भोला की हालत गंभीर होने पर उसे हैलट रेफर कर दिया। मासूम की मौत के बाद परिजनों ने शव सड़क पर रखकर दादानगर फ्लाईओवर जाम कर दिया। इस दौरान लोग नगर निगम के रवैये को लेकर नाराज थे। उनका आरोप था कि पहले भी कुछ लोगों को कुत्तों ने काटा था लेकिन नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसी वजह से इतना बड़ा हादसा हो गया। वहीं हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। करीब आधे घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने उन्हें समझाकर फ्लाईओवर को एक तरफ कर पुल पर आवागम शुरू कराया।
हंगामा कर रहे लोगों ने बताया कि बस्ती के नजदीक ही अवैध रूप से मीट की कई दुकानें चल रही हैं। इसी वजह से दुकानों के आसपास कुत्तों का झुंड वह जमा रहता है और अक्सर मीट को लेकर कुत्ते हमलावर रहते हैं। इसके बावजूद नगर निगम ने न तो कुत्तों को पकड़ना जरूरी समझा, न ही अवैध दुकानों का संचालन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी समझा।
कच्ची बस्ती निवासी छोटू पार्टियों में वेटर का काम करता है। पत्नी पूजा कूड़ा बीनने का काम करती है। रविवार रात करीब साढ़े 12 बजे बड़ी बेटी खुशी (5) और भोला (2) घर के बाहर मां के साथ सो रहे थे। इसी दौरान आसपास मंडरा रहे कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। जब तक पूजा की चीख सुनकर छोटू व आसपड़ोस के लोग कुछ कर पाते, कुत्तों ने दोनों मासूमों के शरीर को नोंच डाला। कुत्तों को भगाकर परिजन दोनों को रतनलालनगर स्थित एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने खुशी को मृत घोषित कर दिया।
वहीं, भोला की हालत गंभीर होने पर उसे हैलट रेफर कर दिया। मासूम की मौत के बाद परिजनों ने शव सड़क पर रखकर दादानगर फ्लाईओवर जाम कर दिया। इस दौरान लोग नगर निगम के रवैये को लेकर नाराज थे। उनका आरोप था कि पहले भी कुछ लोगों को कुत्तों ने काटा था लेकिन नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसी वजह से इतना बड़ा हादसा हो गया। वहीं हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। करीब आधे घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने उन्हें समझाकर फ्लाईओवर को एक तरफ कर पुल पर आवागम शुरू कराया।
हंगामा कर रहे लोगों ने बताया कि बस्ती के नजदीक ही अवैध रूप से मीट की कई दुकानें चल रही हैं। इसी वजह से दुकानों के आसपास कुत्तों का झुंड वह जमा रहता है और अक्सर मीट को लेकर कुत्ते हमलावर रहते हैं। इसके बावजूद नगर निगम ने न तो कुत्तों को पकड़ना जरूरी समझा, न ही अवैध दुकानों का संचालन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी समझा।