Cold Drink : बिगाड़ सकता है आपके लिवर की स्तिथि , लेवल से ऊपर होती है शुगर , हफ्ते में 2 बार पीना भी करेगा नुकसान
गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए अगर आप भी कोल्ड ड्रिंक जैसे मीठे पेय का सेवन करते हैं तो सावधान हो जाइए। जाने-अनजाने कोल्ड ड्रिंक की हर बोतल के साथ आपके शरीर में अधिक मात्रा में चीनी पहुंच रही होती है। इतनी चीनी जो न सिर्फ कुछ दिनों में आपमें मोटापे के जोखिमों को बढ़ा देती है, साथ ही टाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोग और लिवर में फैट जमा होने जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स बताते हैं कि देश में बिकने वाले ज्यादातर कोल्ड-स्पोर्ट्स ड्रिंक्स में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा तय मात्रा से चार-पांच गुना ज्यादा चीनी हो सकती है जबकि चीनी के अलावा हर बोतल में फास्फोरिक एसिड और कैफीन भी होती है, जिसकी अधिकता आपको बीमार, बहुत बीमार कर सकती है।
अध्ययनकर्ता चीनी को 'व्हाइट पॉइजन' के रूप में उपयोग करते हैं, जिसका अगर ज्यादा सेवन किया जाए तो इससे गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में मिलने वाली 750 एमएल की कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल में 9-10 ग्राम तक चीनी हो सकती है। जबकि अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के विशेषज्ञ रोजाना 30 ग्राम से अधिक मात्रा में चीनी का सेवन न करने की सलाह देते हैं। यानी कि अगर आप दिन में दो-तीन बार भी कोल्ड ड्रिंक पी लेते हैं तो इससे शरीर में तय मात्रा से अधिक चीनी पहुंच जाती है।
इसके अलावा इनमें न तो फाइबर होता है न ही शरीर के लिए आवश्यक अन्य पोषक तत्व। मसलन हर बोतल के साथ शरीर में बड़ी मात्रा में ऐसे तत्व जा रहे होते हैं जिसके कारण आप कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।
कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद भले ही कुछ मिनटों तक आप ठंडक महसूस करते हैं पर असल में इसके कई नुकसान हैं। मीठे पेय पदार्थ अत्यधिक मात्रा में फ्रुक्टोज से भरपूर होते हैं जिनका हमारा लिवर ठीक तरीक से ब्रेकडाउन नहीं कर पाता है। लिहाजा समय के साथ ये लिवर में वसा के रूप में एकत्रित होते जाते हैं। दीर्घकालिक रूप में कोल्ड ड्रिंक्स के कारण नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज का खतरा हो सकता है।