उत्तराखंड के पहाड़ो पर आग हुई बेकाबू : स्थानीय लोगो तक पहुंची लपटे
उत्तराखंड के पहाड़ो पर आग निरंतर बढ़ती ही जा रही है। एक ही दिन में नैनीताल में आग लगने के 31 नए मामले सामने आए है। जंगलो में आग फैलती ही जा रही है लेकिन आग पर काबू पाने का कोई रास्ता भी नजर नहीं आ रहा है। ऐसी स्थिति में वन विभाग भी असहाय है। नैनीताल में एक स्थान पर आग बुझती है तो दूसरे स्थान पर आग की लपटें उठनी शुरू हो जाती हैं। इस साल बारिश और बर्फबारी न होने के कारण गर्मी अधिक होने लगी है। बढ़ते तापमान के कारण नैनीताल और आसपास के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। खड़ी पहाड़ियों में आग लगने के चलते वहां विभाग और दमकल विभाग की टीम असहाय है। निंरतर प्रयास करने के बावजूद भी वे आग पर काबू पाने में असफल रहे है। जिसके कारण जंगल जलकर राख हो चुके है। आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद से पानी फेका जा रहा है।
नैनीताल के पास भवाली दुगई स्टेट के जंगल से आग बर्मा टोप के जंगलों तक पहुंच गई है। इसके अलावा आग की लपटें नैनीताल में हाईकोर्ट कॉलोनी के पास भी पहुंच गई हैं। जिससे लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। नैनीताल में लड़ियाकांटा इलाके के जंगल में भी आग फैलती ही जा रही है। तेज हवाओं के कारण आग पर काबू पाना मुश्किल होता जा रहा है। जिस तरह के हालत नजर आ रहे है उसके चलते आग पर काबू पाने के लिए सेना को बुलाया जा सकता है।
कंडीसौड़ (टिहरी) में जंगलों को आग से बचाने की जो तैयारियां की थी वे सारी धरी की धरी रह गई है। एक ही समय कई जगहों पर आग लगने के कारण वन विभाग भी असहाय हो गया है। विभागीय कर्मचारियों को सूचना देने पर वे मैन पावर ना होने का कारण बता रहे है जिससे जगह-जगह जंगल आग से जलकर रख हो रहे हैं। शुक्रवार को सुबह 10 बजे सुनारगांव के जंगल में लगी आग पांच घंटे बाद काबू में आई। वन कर्मी वहां की आग बुझाकर लौटे उसके डेढ़ घंटे बाद ही कंडीसौड़ के जंगल में आग लपटे उठ गई। वहां के स्थानीय लोगों ने वन विभाग को आग लगने की सूचना दी।
नैनीताल के पास भवाली दुगई स्टेट के जंगल से आग बर्मा टोप के जंगलों तक पहुंच गई है। इसके अलावा आग की लपटें नैनीताल में हाईकोर्ट कॉलोनी के पास भी पहुंच गई हैं। जिससे लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। नैनीताल में लड़ियाकांटा इलाके के जंगल में भी आग फैलती ही जा रही है। तेज हवाओं के कारण आग पर काबू पाना मुश्किल होता जा रहा है। जिस तरह के हालत नजर आ रहे है उसके चलते आग पर काबू पाने के लिए सेना को बुलाया जा सकता है।
कंडीसौड़ (टिहरी) में जंगलों को आग से बचाने की जो तैयारियां की थी वे सारी धरी की धरी रह गई है। एक ही समय कई जगहों पर आग लगने के कारण वन विभाग भी असहाय हो गया है। विभागीय कर्मचारियों को सूचना देने पर वे मैन पावर ना होने का कारण बता रहे है जिससे जगह-जगह जंगल आग से जलकर रख हो रहे हैं। शुक्रवार को सुबह 10 बजे सुनारगांव के जंगल में लगी आग पांच घंटे बाद काबू में आई। वन कर्मी वहां की आग बुझाकर लौटे उसके डेढ़ घंटे बाद ही कंडीसौड़ के जंगल में आग लपटे उठ गई। वहां के स्थानीय लोगों ने वन विभाग को आग लगने की सूचना दी।