हरियाणा : करनाल में स्कूल में मिड डे मिल खाने से 4 बच्चो की तबीयत खराब , राशन में मिले कीड़े

हरियाणा में करनाल के पुंडरी गांव के सरकारी स्कूल में मिड्डे मिल की खिचड़ी खाने से छात्रों की तबीयत बिगड़ गई। जिला प्रशासन ने दो जांच कमेटियां गठित की है। जिसमें एक कमेटी एजुकेशन डिपार्टमेंट की है और दूसरी हैफेड की है।
शिक्षा विभाग द्वारा तीन सदस्यीय कमेटी डिप्टी डीईओ ज्योत्सना के नेतृत्व में बनाई गई है, जिसमें नीलोखेड़ी के बीईओ सतपाल सिंह और घरौंडा के बीईओ रविंद्र कुमार शामिल है। वहीं हैफेड की जांच कमेटी का नेतृत्व हैफेड मैनेजर प्रमोद कुमार कर रहे है, इनकी जांच कमेटी में पांच लोग शामिल है।
सरकारी स्कूल में मिड-डे मील के अंदर से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें चावल में कीड़े दिखाई दिए हैं। जिसके बाद राशन की गुणवत्ता और स्कूल प्रबंधन भी सवालों के घेरे में है। यह हाल तब है जब शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने चार दिन पहले एसएमसी के साथ बैठक में मिड-डे मील को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए थे, जिसके बावजूद लापरवाही बरती गई।
शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने हाल ही में चार दिन पहले एसएमसी की बैठक में मिड-डे मील इंचार्जों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मिड-डे मील का ध्यान रखें और किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए। इसके बावजूद, चार दिन के भीतर ही एक बड़ी लापरवाही सरकारी स्कूल में सामने आई और इस लापरवाही का खामियाजा छोटे बच्चों को भुगतना पड़ा।
डिप्टी डीईओ ज्योत्सना का कहना है कि सैंपल लैब में भेजे गए है। रिपोर्ट में साफ हो पाएगा कि क्या कुछ कमी थी। अगर लापरवाही स्कूल प्रबंधन की तरफ से हुई है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
शिक्षा विभाग द्वारा तीन सदस्यीय कमेटी डिप्टी डीईओ ज्योत्सना के नेतृत्व में बनाई गई है, जिसमें नीलोखेड़ी के बीईओ सतपाल सिंह और घरौंडा के बीईओ रविंद्र कुमार शामिल है। वहीं हैफेड की जांच कमेटी का नेतृत्व हैफेड मैनेजर प्रमोद कुमार कर रहे है, इनकी जांच कमेटी में पांच लोग शामिल है।
सरकारी स्कूल में मिड-डे मील के अंदर से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें चावल में कीड़े दिखाई दिए हैं। जिसके बाद राशन की गुणवत्ता और स्कूल प्रबंधन भी सवालों के घेरे में है। यह हाल तब है जब शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने चार दिन पहले एसएमसी के साथ बैठक में मिड-डे मील को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए थे, जिसके बावजूद लापरवाही बरती गई।
शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने हाल ही में चार दिन पहले एसएमसी की बैठक में मिड-डे मील इंचार्जों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मिड-डे मील का ध्यान रखें और किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए। इसके बावजूद, चार दिन के भीतर ही एक बड़ी लापरवाही सरकारी स्कूल में सामने आई और इस लापरवाही का खामियाजा छोटे बच्चों को भुगतना पड़ा।
डिप्टी डीईओ ज्योत्सना का कहना है कि सैंपल लैब में भेजे गए है। रिपोर्ट में साफ हो पाएगा कि क्या कुछ कमी थी। अगर लापरवाही स्कूल प्रबंधन की तरफ से हुई है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।