राजस्थान : अपने ही पति को मारकर , रखती थी पत्नी करवाचौथ का व्रत , 6 महीने बाद आया हैरान कर देने वाला सच सामने
भरतपुर के रहने वाले पवन शर्मा की 3 जून 2015 को कानपुर (UP) की रीमा से शादी हुई थी। पवन सामान्य परिवार से था। उसकी दो बहनें हैं। पिता हरिप्रसाद शर्मा किसान हैं। पवन दिल्ली में काम करता था। 4 साल तक पवन दिल्ली में और रीमा गांव में रही थी।
साल 2019 में पवन रीमा को भी अपने साथ दिल्ली ले गया। 2021 में पवन ने दिल्ली का काम छोड़ दिया और रीमा के साथ वापस भरतपुर आ गया। इस बीच 29 मई 2022 की रात पवन घर से गायब हो गया। 30 मई की सुबह पवन कहीं नहीं दिखा तो घरवालों ने रीमा से पूछा। रीमा को भी कुछ पता नहीं था।
पहले तो सभी ने यही सोचा कि यहीं कहीं गया होगा, आ जाएगा, लेकिन वो शाम तक नहीं लौटा। उसका फोन भी बंद था। घरवालों ने चिकसाना पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी दर्ज कराई।
16 अक्टूबर की रात पवन के पिता हरि प्रसाद लापता बेटे की चिंता में परेशान टहल रहे थे। उन्होंने रीमा के कमरे की लाइट जलती हुई देखी। कमरे से आवाज भी आ रही थी।
कमरे के पास गए तो जो देखा वो किसी बुरे सपने से भी बुरा था। जिस बहू पर उन्हें हद से ज्यादा विश्वास था, वो उन्हीं के पड़ोस में रहने वाले भागेंद्र नाम के युवक के साथ आपत्तिजनक हालत में थी।
हरि प्रसाद ने कमरे की कुंडी बाहर से लगा दी। उन्होंने पुलिस को फोन किया और भागेंद्र के परिवार को भी बुलाया, जो पड़ोस में ही रहते हैं।
पुलिस के आने से पहले भागेंद्र का परिवार वहां पहुंच गया और झगड़ा करके उसे छुड़ा कर ले गए। भागेंद्र ने हरि प्रसाद को धमकी दी- ‘जैसे तेरे बेटे को मारा है, वैसे ही तुझे मार दूंगा। रीमा और मेरे बीच में मत आना।’
चिकसाना एसएचओ विनोद मीणा ने बताया कि 20 नवम्बर को दोनों से करीब 6 घंटे तक पूछताछ की गई ।
शातिर रीमा कई देर तक पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करती रही। दूसरी तरफ भागेंद्र भी पुलिस को बातों में घुमाता रहा।
दोपहर में पुलिस ने सख्ती से भागेंद्र से पूछताछ की तो उसने सच बयां कर दिया। उसने बताया कि वो रीमा से प्यार करता है। उसने बताया कि पवन ने उसे और रीमा को एक साथ देख लिया था तो उसने उसकी हत्या कर दी। पवन के मर्डर में उसका दीप नाम का एक दोस्त भी साथ था।
रीमा हर रात अपने पति पवन और पूरे परिवार को खाने, दूध-चाय में नींद की गोलियां मिलाकर देने लगी।
जब सब बेहोश हो जाते तो भागेन्द्र को फोन कर देती। बेहोश पवन की मौजूदगी में दोनों उसी कमरे में मिलते।
इस बीच 29 मई को भागेंद्र और उसका दोस्त दीप दिल्ली में शराब पार्टी कर रहे थे। उसी दौरान भागेंद्र को भरतपुर से रीमा का मैसेज मिला। उसने मिलने के लिए बुलाया था।
भागेंद्र भी कई दिनों से उससे मिला नहीं था। भागेंद्र ने दीप को साथ चलने के लिए तैयार कर लिया। दोनों 200 किलोमीटर बाइक चलाकर भरतपुर आ गए।
भागेंद्र रीमा के घर में चला गया और दीप को कुछ देर बाहर ही रुकने के लिए बोला। भागेंद्र घर में घुसा तो सब लोग नींद की गोलियों के कारण बेहोश थे।
वो सीधा रीमा के कमरे में चला गया। पवन बेहोश था। उसी कमरे में रीमा और भागेंद्र ने संबंध बनाए।
इसी दौरान पवन की बेहोशी टूट गई। पत्नी को भागेंद्र के साथ आपत्तिजनक हालत में देखकर वो आग-बबूला हो गया। गुस्से में उसने भागेंद्र को पकड़ लिया। रीमा ने पवन के पैर पकड़े तो उसने उसे धक्का देकर दूर गिरा दिया। भागेंद्र पवन का गला दबाने लगा और दीप को भी अंदर बुला लिया। तीनों ने मिलकर पवन का गला घोंटकर उसे मार दिया। हत्या के बाद भागेंद्र और रीमा ने लाश को चादर में लपेटकर रस्सी से बांध दिया। इसके बाद लाश बोरी में डाल दी। भागेंद्र और रीमा ने कमरे में बिखरा खून साफ किया। इसके बाद भागेंद्र और दीप बाइक पर शव रखकर उसे गांव से 2 किलोमीटर दूर सुनसान जंगल में नहर के पास ले गए। वहां उन्होंने बोरे में लाश के साथ 15 किलो का पत्थर बांध नहर में डाल दिया ताकि लाश पानी के ऊपर न आ जाए। दोनों रात करीब 2.30 बजे बाइक पर ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए। सुबह 8 बजे दोनों दिल्ली पहुंचे।
दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस जेसीबी और ट्रैक्टर लेकर नहर के पास शव निकालने पहुंंची। भागेंद्र ने उन्हें बताया कि शव कहां पर फेंका। उसकी निशानदेही पर बोरा निकाला गया। बोरे को खोलकर देखा तो उसमें सिर्फ 17 हड्डियां मिलीं। 6 महीने में मछलियां और कछुए शव को पूरी तरह खा गए थे। बोरे में पवन की शर्ट, पर्स और दस्तावेज मिले।
चिकसाना पुलिस स्टेशन के एसआई कृष्णवीर सिंह ने बताया कि पुलिस ने खुलासे के तत्काल बाद ही मर्डर में शामिल पत्नी रीमा, बॉयफ्रेंड भागेन्द्र और उसके दोस्त दीप को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कोर्ट में चालान भी पेश कर दिया था। फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है।
साल 2019 में पवन रीमा को भी अपने साथ दिल्ली ले गया। 2021 में पवन ने दिल्ली का काम छोड़ दिया और रीमा के साथ वापस भरतपुर आ गया। इस बीच 29 मई 2022 की रात पवन घर से गायब हो गया। 30 मई की सुबह पवन कहीं नहीं दिखा तो घरवालों ने रीमा से पूछा। रीमा को भी कुछ पता नहीं था।
पहले तो सभी ने यही सोचा कि यहीं कहीं गया होगा, आ जाएगा, लेकिन वो शाम तक नहीं लौटा। उसका फोन भी बंद था। घरवालों ने चिकसाना पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी दर्ज कराई।
16 अक्टूबर की रात पवन के पिता हरि प्रसाद लापता बेटे की चिंता में परेशान टहल रहे थे। उन्होंने रीमा के कमरे की लाइट जलती हुई देखी। कमरे से आवाज भी आ रही थी।
कमरे के पास गए तो जो देखा वो किसी बुरे सपने से भी बुरा था। जिस बहू पर उन्हें हद से ज्यादा विश्वास था, वो उन्हीं के पड़ोस में रहने वाले भागेंद्र नाम के युवक के साथ आपत्तिजनक हालत में थी।
हरि प्रसाद ने कमरे की कुंडी बाहर से लगा दी। उन्होंने पुलिस को फोन किया और भागेंद्र के परिवार को भी बुलाया, जो पड़ोस में ही रहते हैं।
पुलिस के आने से पहले भागेंद्र का परिवार वहां पहुंच गया और झगड़ा करके उसे छुड़ा कर ले गए। भागेंद्र ने हरि प्रसाद को धमकी दी- ‘जैसे तेरे बेटे को मारा है, वैसे ही तुझे मार दूंगा। रीमा और मेरे बीच में मत आना।’
चिकसाना एसएचओ विनोद मीणा ने बताया कि 20 नवम्बर को दोनों से करीब 6 घंटे तक पूछताछ की गई ।
शातिर रीमा कई देर तक पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करती रही। दूसरी तरफ भागेंद्र भी पुलिस को बातों में घुमाता रहा।
दोपहर में पुलिस ने सख्ती से भागेंद्र से पूछताछ की तो उसने सच बयां कर दिया। उसने बताया कि वो रीमा से प्यार करता है। उसने बताया कि पवन ने उसे और रीमा को एक साथ देख लिया था तो उसने उसकी हत्या कर दी। पवन के मर्डर में उसका दीप नाम का एक दोस्त भी साथ था।
रीमा हर रात अपने पति पवन और पूरे परिवार को खाने, दूध-चाय में नींद की गोलियां मिलाकर देने लगी।
जब सब बेहोश हो जाते तो भागेन्द्र को फोन कर देती। बेहोश पवन की मौजूदगी में दोनों उसी कमरे में मिलते।
इस बीच 29 मई को भागेंद्र और उसका दोस्त दीप दिल्ली में शराब पार्टी कर रहे थे। उसी दौरान भागेंद्र को भरतपुर से रीमा का मैसेज मिला। उसने मिलने के लिए बुलाया था।
भागेंद्र भी कई दिनों से उससे मिला नहीं था। भागेंद्र ने दीप को साथ चलने के लिए तैयार कर लिया। दोनों 200 किलोमीटर बाइक चलाकर भरतपुर आ गए।
भागेंद्र रीमा के घर में चला गया और दीप को कुछ देर बाहर ही रुकने के लिए बोला। भागेंद्र घर में घुसा तो सब लोग नींद की गोलियों के कारण बेहोश थे।
वो सीधा रीमा के कमरे में चला गया। पवन बेहोश था। उसी कमरे में रीमा और भागेंद्र ने संबंध बनाए।
इसी दौरान पवन की बेहोशी टूट गई। पत्नी को भागेंद्र के साथ आपत्तिजनक हालत में देखकर वो आग-बबूला हो गया। गुस्से में उसने भागेंद्र को पकड़ लिया। रीमा ने पवन के पैर पकड़े तो उसने उसे धक्का देकर दूर गिरा दिया। भागेंद्र पवन का गला दबाने लगा और दीप को भी अंदर बुला लिया। तीनों ने मिलकर पवन का गला घोंटकर उसे मार दिया। हत्या के बाद भागेंद्र और रीमा ने लाश को चादर में लपेटकर रस्सी से बांध दिया। इसके बाद लाश बोरी में डाल दी। भागेंद्र और रीमा ने कमरे में बिखरा खून साफ किया। इसके बाद भागेंद्र और दीप बाइक पर शव रखकर उसे गांव से 2 किलोमीटर दूर सुनसान जंगल में नहर के पास ले गए। वहां उन्होंने बोरे में लाश के साथ 15 किलो का पत्थर बांध नहर में डाल दिया ताकि लाश पानी के ऊपर न आ जाए। दोनों रात करीब 2.30 बजे बाइक पर ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए। सुबह 8 बजे दोनों दिल्ली पहुंचे।
दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस जेसीबी और ट्रैक्टर लेकर नहर के पास शव निकालने पहुंंची। भागेंद्र ने उन्हें बताया कि शव कहां पर फेंका। उसकी निशानदेही पर बोरा निकाला गया। बोरे को खोलकर देखा तो उसमें सिर्फ 17 हड्डियां मिलीं। 6 महीने में मछलियां और कछुए शव को पूरी तरह खा गए थे। बोरे में पवन की शर्ट, पर्स और दस्तावेज मिले।
चिकसाना पुलिस स्टेशन के एसआई कृष्णवीर सिंह ने बताया कि पुलिस ने खुलासे के तत्काल बाद ही मर्डर में शामिल पत्नी रीमा, बॉयफ्रेंड भागेन्द्र और उसके दोस्त दीप को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कोर्ट में चालान भी पेश कर दिया था। फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है।