बाबा के करीबी ने खोले बाबा के कई राज , बाबा को लगा रहता है जान का डर
पटियाली के पास स्थित गांव के एक व्यक्ति ने बाबा के कई राज खोले है। पहले यह व्यक्ति बाबा के ही साथ रहते थे। उसने बताया कि भोले बाबा को किसी भी व्यक्ति पर भरोसा नहीं। उसके ड्राइवर को भी नहीं पता होता कि बाबा किस रास्ते से होकर कहां जाएगा? जब ड्राइवर पूछता कि कहां चलना है, तब बाबा जवाब देता था कि प्रभु जानें। बाबा के आसपास जो लोग होते वे भी हमेशा के लिए नहीं रहते, अक्सर उन्हें बदल दिया जाता था।
उससे पूछा कि बाबा ऐसा क्यों करता है? वह कहते हैं,-बाबा को अपनी जान का खतरा महसूस होता था। उसने बताया कि बाबा कभी किसी गरीब भक्त से नहीं मिलता था। वह उन्हीं लोगों से मिलता, जिनसे उसका फायदा होता था। इनमें अधिकारी से लेकर बड़े नेता शामिल हैं। आम आदमी के सामने तो वह खुद को नारायण हरि साकार यानी भगवान बताता था। जबकि, हम लोग तो भगवान को निराकार मानते हैं।
उस शख्स ने बताया कि 2001 में भोले बाबा ने आश्रम बनाया। जब सत्संग शुरू किया, तब भीड़ नहीं आती थी। उस वक्त बाबा भीड़ के बीच अपने लोगों को बैठाता था। ये लोग अपनी-अपनी समस्या बताते और बाबा उसका तुरंत निदान बता देता। ऐसे लोग यह भी कहते कि उन्हें बाबा के बताए उपाय से फायदा मिला। इससे बाकी लोगों का भरोसा बढ़ने लगा। फिर हर मंगलवार को आने वाली भीड़ भी बढ़ने लगी।
भोले बाबा आश्रम के बाहर लगे हैंडपंप से पानी पी लेने पर सब कुछ ठीक हो जाने की बात करने लगा था। इस वक्त आश्रम के बाहर 5 हैंडपंप एक लाइन से लगे हैं। इसके अलावा आश्रम के आसपास करीब 20 हैंडपंप लगे हैं।
भोले बाबा के आश्रम से करीब 12 किलोमीटर दूर बाबा अनेक दास का आश्रम है। अनेक दास पहले गाड़ी चलाते थे। वह हर मंगलवार लोगों को भोले बाबा के आश्रम तक पहुंचाते थे। करीब 3 साल ऐसा करने के बाद उन्होंने गाड़ी चलाना बंद कर दिया। 2010 से उन्होंने भी आश्रम खोल लिया और हर सोमवार को उनके यहां भी भीड़ लगने लगी।
अनेक दास कहते हैं- भोले बाबा को अपने इलाके में दूसरे धर्मगुरु पसंद नहीं। वह नहीं चाहता कि उसके भक्त किसी और आश्रम में जाएं। इसलिए हमारे यहां वो लोग कभी नहीं आए, जो भोले बाबा से जुड़े हैं।