नया हिट एंड रन कानून गरीब ड्राइवरों को बर्बाद कर देगा: अनुराग ढांडा

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नया हिट एंड रन कानून गरीब ड्राइवरों को बर्बाद कर देगा: अनुराग ढांडा

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आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने हिट एंड रन कानून को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने इस कानून को बनाने से पहले देश भर के ट्रांसपोर्टरों और ड्राइवर एसोसिएशन से विचार विमर्श करना चाहिए था। ये सरकार हमेशा कानून थोपने का काम करती है। 

उन्होंने कहा कि इसमें 10 साल कैद और 7 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान भी अतर्किक है। केंद्र सरकार की वजह से पूरे देश में चक्का जाम की स्थिति बन गई है। इस बारे में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कानून पर दोबारा विचार विमर्श के लिए लिखूंगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीब ड्राइवरों पर आर्थिक और कानूनी रूप से चोट पहुंचाने का काम किया। पूरे देश में ड्राइवर इस कानून का विरोध कर रहे हैं। जल्द से जल्द केंद्र सरकार को इस कानून पर पुनर्विचार करना चाहिए।

वहीं सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने केंद्र सरकार के हिट एंड कानून का विरोध करते हुए कहा कि ये कानून देश के करोड़ों ड्राइवरों के खिलाफ़ है। ये कानून गरीब ड्राइवरों व उन पर निर्भर उनके परिवारों को तबाह कर देगा। इसके दुरूपयोग से भ्रष्टाचार के नये रास्ते खुल जाएंगे। इस कानून को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अपने बहुमत का असंवैधानिक रूप से गलत प्रयोग करते हुए बिना सदन में चर्चा किये ये कानून बनाया है। इस कानून को बीजेपी ने सदन में बिना चर्चा के पास कराया है इसी तरह मोदी सरकार ने कृषि कानून को भी सदन से बिना चर्चा के पास कराया था। इसके बाद सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे इसी तरह हिट एंड रन मामले में भी ट्रांसपोर्ट चालकों के उत्पीड़न का कानून बनाया है। बीजेपी की हमेशा कोशिश रही है कि गरीब मजदूर का किसी तरह उत्पीड़न किया जा सके।

उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में सड़कों की खस्ता हालत किसी से छिपी नहीं है। देश में ज्यादातर सड़क हादसे खराब और असुरक्षित सड़कों के कारण होते हैं। खराब और असुरक्षित सड़कों के लिए ड्राइवरों से ज्यादा सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने आगे कहा कि देश की जेलों में बंद 3/4 चौथाई लोग अंडर ट्रायल में है। ट्रक ड्राइवर भी बहुत गरीब समुदाय से आते हैं। अगर निर्दोष भी हुए तो अब जेल के अंदर सड़ते रहेंगे। बीजेपी सरकार ने कानून में संशोधन से पहले जनता और ड्राइवरों से सुझाव नहीं लिए गए। देशभर में पहले से ही 30 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है और इस तरह के कानून से ड्राइवरों की और कमी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों की परेशानी की तरफ मोदी सरकार का ध्यान नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान रोड ट्रांसपोटर्स और ड्राइवरों का है।

मोदी सरकार के कानूनी प्रावधान के कारण जनता को पेट्रोल-डीजल के भी लाले पड़ गए हैं। सप्लाई चैन प्रभावित होने से लोगों की रोजमर्रा की जरूरत पर संकट बढ़ गया है. दूध, सब्जियां, दवाएं, खाने-पीने का सामान, रसोई गैस और पेट्रोल-डीजल की किल्लत के कारण महंगाई बढ़ सकती है। इससे ग़रीब आदमी पर अतिरिक्त भार ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जनता पर कानून थोप कर जनता की मुसीबतें बढ़ने का काम करती है। पूरे देश के ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टरों ने चक्का जाम कर इस कानून का विरोध किया है। आम आदमी पार्टी भी इसके कड़े विरोध में है।

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