महाराष्ट्र कैडर पूजा खेडकर का सिलेक्शन हुआ रद्द , अब नहीं बनेगी IAS , भविष्य में किसी भी परीक्षा में नहीं हो सकती शामिल
UPSC ने ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर का सिलेक्शन रद्द कर दिया और कहा कि वह भविष्य में UPSC का कोई एग्जाम नहीं दे पाएंगी। पूजा पर अपनी उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस एग्जाम देने का आरोप था। UPSC ने दस्तावेजों की जांच के बाद पूजा को नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया।
खेडकर के केस की वजह से UPSC ने 2009 से 2023 तक 15 हजार से अधिक उम्मीदवारों के डेटा की जांच की। इसमें पाया गया कि पूजा के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने CSE नियमों के तहत तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट नहीं दिए।
पूजा ने कई बार अपना और अपने माता-पिता का नाम भी बदलकर परीक्षा दी थी, इसलिए UPSC की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) उनके अटेम्प्ट्स की संख्या का पता नहीं लगा सकी। UPSC अपनी SOP को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है, ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।
यूपीएससी ने आज बयान जारी कर बताया कि 34 वर्षीय ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का सिलेक्शन (प्रोविज़नल कैंडिडेचर) रद्द कर दिया गया है। साथ ही पूजा को भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थाई रूप से प्रतिबंधित किया गया है। यूपीएससी ने उन्हें कई बार फर्जी पहचान बनाकर परीक्षा देने का दोषी पाया।
पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) पास करने के लिए फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने का आरोप है। इसके अलावा पुणे में तैनाती के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप उन पर है। इसलिए पिछले हफ्ते उन्हें पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था।
खेडकर के केस की वजह से UPSC ने 2009 से 2023 तक 15 हजार से अधिक उम्मीदवारों के डेटा की जांच की। इसमें पाया गया कि पूजा के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने CSE नियमों के तहत तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट नहीं दिए।
पूजा ने कई बार अपना और अपने माता-पिता का नाम भी बदलकर परीक्षा दी थी, इसलिए UPSC की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) उनके अटेम्प्ट्स की संख्या का पता नहीं लगा सकी। UPSC अपनी SOP को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है, ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।
यूपीएससी ने आज बयान जारी कर बताया कि 34 वर्षीय ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का सिलेक्शन (प्रोविज़नल कैंडिडेचर) रद्द कर दिया गया है। साथ ही पूजा को भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थाई रूप से प्रतिबंधित किया गया है। यूपीएससी ने उन्हें कई बार फर्जी पहचान बनाकर परीक्षा देने का दोषी पाया।
पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) पास करने के लिए फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने का आरोप है। इसके अलावा पुणे में तैनाती के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप उन पर है। इसलिए पिछले हफ्ते उन्हें पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था।