ICMR : रिफाइंड तेल को दोबारा गर्म करना पड़ सकता है भारी , ICMR ने की Guideline जारी

भारतीय चिकित्सा अनुसन्धान परिषद् ने आहार संबधी कुछ guideline जारी किए है। पिछले कुछ समय में रिफाइंड तेल का चलन बड़ी तेजी के साथ बढ़ा है। जिसके चलते बाजार में इसकी डिमांड काफी होने लगी है। रिफाइंड तेल को प्राकृतिक तेलों से रासायनिक तरीके से फिल्टर करने के बाद तैयार किया जाता है। यह तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। शोध में पाया भी गया है कि रिफाइंड तेल का नियमित इस्तेमाल करने से कई बीमारियां हो सकती हैं। जबकि सरसों का तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद ही लाभदायक होता है। इसके अलावा मूंगफली, तिल, सूरजमुखी और नारियल के तेल को भी हम अपने खान-पान में शामिल कर सकते हैं।
डॉक्टरों के अनुसार तेलों को बार बार गर्म करने से उनकी रासायनिक संरचना बदल जाती है जिसके कारण उनके लाभकारी एंटीऑक्सीडेंट कम हो जाते है और हानिकारक यौगिक बनाते है जिससे कैंसर जैसी समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके आलावा लोगो को मोटापा, डायबिटीज, एथेरोस्केलेसिस, गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल जैसी गंभीर समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है और इसके साथ-साथ प्रजनन क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमताभी प्रभावित होती है।
डॉक्टरों के अनुसार तेलों को बार बार गर्म करने से उनकी रासायनिक संरचना बदल जाती है जिसके कारण उनके लाभकारी एंटीऑक्सीडेंट कम हो जाते है और हानिकारक यौगिक बनाते है जिससे कैंसर जैसी समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके आलावा लोगो को मोटापा, डायबिटीज, एथेरोस्केलेसिस, गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल जैसी गंभीर समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है और इसके साथ-साथ प्रजनन क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमताभी प्रभावित होती है।