बाबा रामदेव पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, दोबारा लगाई फटकार
![delhi](https://k9media.live/static/c1e/client/100784/uploaded/1ab32f8b6094d2f2e68d90ef874d56d0.jpg)
सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा समाचार पत्रों में प्रकाशित माफीनामे की मंगलवार को सराहना की। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानउल्लाह की बेंच ने रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि माफी की भाषा ठीक है और उनमें नाम भी मौजूद हैं। इसमें वास्तविक सुधर है।
न्यायमूर्ति अमानउल्लाह ने कहा, “मैं नहीं जानता कि दूसरा माफीनामा किसकी पड़ताल पर है। इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है। ” उन्होंने कहा, “हम इसकी सराहना करते हैं। अब आखिरकार वे समझ गए। ” उन्होंने कहा कि इससे पहले जब माफीनामा प्रकाशित किया गया था तब केवल कंपनी का नाम ही था। उन्होंने कहा कि “अब माफीनामा नाम के साथ छपा है। यह एक उल्लेखनीय सुधार है, हम इसकी सराहना करते हैं। भाषा भी ठीक है।”
कोर्ट ने पतंजलि को इजाजत दी कि वो अपने माफीनामे वाले विज्ञापन का अखबार पेश कर सके। ई-फाइलिंग और कटिंग्स की इजाजत नहीं दी गई।
अगली सुनवाई के लिए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुनवाई के दौरान मौजूद रहने से छूट दे दी गई।
न्यायमूर्ति अमानउल्लाह ने कहा, “मैं नहीं जानता कि दूसरा माफीनामा किसकी पड़ताल पर है। इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है। ” उन्होंने कहा, “हम इसकी सराहना करते हैं। अब आखिरकार वे समझ गए। ” उन्होंने कहा कि इससे पहले जब माफीनामा प्रकाशित किया गया था तब केवल कंपनी का नाम ही था। उन्होंने कहा कि “अब माफीनामा नाम के साथ छपा है। यह एक उल्लेखनीय सुधार है, हम इसकी सराहना करते हैं। भाषा भी ठीक है।”
कोर्ट ने पतंजलि को इजाजत दी कि वो अपने माफीनामे वाले विज्ञापन का अखबार पेश कर सके। ई-फाइलिंग और कटिंग्स की इजाजत नहीं दी गई।
अगली सुनवाई के लिए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुनवाई के दौरान मौजूद रहने से छूट दे दी गई।