NCERT : नई किताबो में किया गया अयोध्या और बाबरी मस्जिद को लेकर बदलाव , Books में बाबरी मस्जिद नाम का शब्द भी नहीं
NCERT की किताब से बाबरी मस्जिद, भगवान राम, श्री राम, रथ यात्रा, कारसेवा और विध्वंस के बाद की हिंसा की जानकारी हटा दी गई है। देश की टॉप एजुकेशन बॉडी ने 12वीं की पॉलिटिकल साइंस की किताब से ये शब्द हटा दिए हैं।
बाबरी मस्जिद विध्वंस या उसके बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा का संदर्भ क्यों हटा दिया गया?
इस सवाल पर NCERT के डायरेक्टर दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा- हमें स्कूल में दंगों के बारे में क्यों पढ़ाना चाहिए? हम पॉजिटिव नागरिक बनाना चाहते हैं, न कि वॉयलेंट (हिंसक) और डिप्रेस्ड (अवसादग्रस्त) इंसान।NCERT के डायरेक्टर दिनेश प्रसाद सकलानी ने दिए एक इंटरव्यू में स्कूली पाठ्यक्रम के भगवाकरण के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि टेक्स्ट बुक में बदलाव सालाना संशोधन का हिस्सा है।
2014 के बाद से NCERT की टेक्स्ट बुक में ये संशोधन चौथी बार किया गया है। 2017 में पहले दौर में NCERT ने हाल की घटनाओं को दर्शाने के लिए संशोधन की जरूरत का हवाला दिया था। 2018 में सिलेबस के बोझ को कम करने के लिए संशोधन किए गए। 2021 में भी सिलेबस के बोझ को कम करने और छात्रों को कोविड के कारण पढ़ाई में दिक्कत से उबरने में मदद के लिए संशोधन किए गए।
बाबरी मस्जिद अब तीन गुंबदों वाला स्ट्रक्चर पढ़ा जाएगा
बुक में बाबरी मस्जिद नाम के बजाय इसे तीन गुंबद वाला ढांचा और अयोध्या विवाद को अयोध्या विषय के नाम से पढ़ाया जाएगा। 4 पेज के टॉपिक को भी दो पेज का कर दिया गया है। NCERT की पुरानी किताब में बाबरी मस्जिद का जिक्र 16वीं शताब्दी की मस्जिद के रूप में किया गया था। इसे मुगल सम्राट बाबर के सेनापति मीर बाकी ने बनवाया था। नई बुक में इसे तीन-गुंबद वाला स्ट्रक्चर लिखा गया है।
इसमें बताया गया है कि तीन गुंबद वाली इमारत को 1528 में श्री राम के जन्मस्थान पर बनाया गया था। इसके भीतरी और बाहरी स्ट्रक्चर में हिंदू प्रतीक और अवशेष स्पष्ट रूप से नजर आ रहे थे।