हरियाणा : विनेश फौगाट को गोल्ड मेडल , सर्वखाप पंचायत ने किया सम्मानित
हरियाणा की रेसलर विनेश फौगाट को आज रोहतक में सर्वखाप पंचायत ने गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया है। सर्वखाप का पहला गोल्ड मेडल विनेश को मिला है। अब तक किसी को भी सर्वखाप का गोल्ड मेडल नहीं मिला है।
इसके लिए सर्वखाप ने एक सम्मान समारोह का आयोजन किया। यहां विभिन्न खापों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
सर्वखाप के गोल्ड मेडल से सम्मानित होने के बाद विनेश ने सभी का आभार जताया। उन्होंने कहा, 'मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरा परिवार और प्रदेश के सभी लोग मेरे साथ खड़े हैं। इसे देखकर लग रहा है कि अभी मेरी लड़ाई खत्म नहीं, बल्कि अब शुरू हुई है।'
कार्यक्रम में जब विनेश फौगाट ने अपने माता-पिता का नाम लिया तो वह भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, 'मेरे पापा आज जो नहीं हैं, बहुत खुश होंगे। उनकी बेटी सिर्फ उनकी बेटी नहीं है, बल्कि पूरे भारत की बेटी है। मैं अपनी मां को भी बहुत धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने इतनी हिम्मत व संघर्ष कर मुझे इतना ताकतवर बना दिया है कि आज मैं किसी भी संघर्ष या स्थिति से निकलूंगी तो हार कर नहीं निकलूंगी।'
विनेश ने कहा, 'मुझे आज भी याद है जब हम धरने पर बैठे थे तो सब लोग हमारे साथ खड़े थे। सबसे पहले यही डर होता है कि अगर मैं किसी के चीज खिलाफ आवाज उठाऊंगी तो शायद मेरा परिवार मुझे डांटेगा। हम ऐसे दरिंदे के सामने बोलने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे। जब हमें हिम्मत मिली और जब पता लगा कि पूरा परिवार हमारे साथ है तो आज भी हम विश्वास के साथ लड़ रहे हैं। हमें हराने वाला कोई नहीं, सच की हमेशा जीत होती है।'
इसके लिए सर्वखाप ने एक सम्मान समारोह का आयोजन किया। यहां विभिन्न खापों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
सर्वखाप के गोल्ड मेडल से सम्मानित होने के बाद विनेश ने सभी का आभार जताया। उन्होंने कहा, 'मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरा परिवार और प्रदेश के सभी लोग मेरे साथ खड़े हैं। इसे देखकर लग रहा है कि अभी मेरी लड़ाई खत्म नहीं, बल्कि अब शुरू हुई है।'
कार्यक्रम में जब विनेश फौगाट ने अपने माता-पिता का नाम लिया तो वह भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, 'मेरे पापा आज जो नहीं हैं, बहुत खुश होंगे। उनकी बेटी सिर्फ उनकी बेटी नहीं है, बल्कि पूरे भारत की बेटी है। मैं अपनी मां को भी बहुत धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने इतनी हिम्मत व संघर्ष कर मुझे इतना ताकतवर बना दिया है कि आज मैं किसी भी संघर्ष या स्थिति से निकलूंगी तो हार कर नहीं निकलूंगी।'
विनेश ने कहा, 'मुझे आज भी याद है जब हम धरने पर बैठे थे तो सब लोग हमारे साथ खड़े थे। सबसे पहले यही डर होता है कि अगर मैं किसी के चीज खिलाफ आवाज उठाऊंगी तो शायद मेरा परिवार मुझे डांटेगा। हम ऐसे दरिंदे के सामने बोलने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे। जब हमें हिम्मत मिली और जब पता लगा कि पूरा परिवार हमारे साथ है तो आज भी हम विश्वास के साथ लड़ रहे हैं। हमें हराने वाला कोई नहीं, सच की हमेशा जीत होती है।'