NOTA को बहुमत मिलने पर , क्या दोबारा होंगे चुनाव : SC ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब
भारत एक लोकतंत्र देश है जहां प्रत्येक भारतवासी को मतदान करने का मौलिक अधिकार है।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) जिसके द्वारा व्यक्ति मतदान कर सकता है।अगर कोई व्यक्ति किसी भी उम्मीदवार या प्रत्याशी को वोट नहीं देना चाहता तो उसकी सुलभता के लिए चुनाव आयोग ने नोटा का बटन बनाया था। यानि की अगर कोई व्यक्ति किसी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहता तो वो नोटा बटन को दबा सकता है।
अब अगर ऐसा हो जाए कि नोटा बटन को बहुमत मिल जाए क्या ऐसे में नोटा को उम्मीदवार का रूप दिया जा सकता है। इसी विषय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका मे मांग की गई थी कि अगर किसी उम्मीदवार को नोटा से भी कम वोट मिलते है तो वो उम्मीदवार पांच साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकता। उसके किसी भी चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जानी चाहिए और नोटा को भी एक काल्पनिक उम्मीदवार के रूप में प्रसारित किया जाए। इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में मोटिवेशनल स्पीकर शिव खेड़ा ने याचिका लगाई है । सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार किया है। उनकी इस याचिका को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजा और इस मामले में सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) जिसके द्वारा व्यक्ति मतदान कर सकता है।अगर कोई व्यक्ति किसी भी उम्मीदवार या प्रत्याशी को वोट नहीं देना चाहता तो उसकी सुलभता के लिए चुनाव आयोग ने नोटा का बटन बनाया था। यानि की अगर कोई व्यक्ति किसी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहता तो वो नोटा बटन को दबा सकता है।
अब अगर ऐसा हो जाए कि नोटा बटन को बहुमत मिल जाए क्या ऐसे में नोटा को उम्मीदवार का रूप दिया जा सकता है। इसी विषय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका मे मांग की गई थी कि अगर किसी उम्मीदवार को नोटा से भी कम वोट मिलते है तो वो उम्मीदवार पांच साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकता। उसके किसी भी चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जानी चाहिए और नोटा को भी एक काल्पनिक उम्मीदवार के रूप में प्रसारित किया जाए। इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में मोटिवेशनल स्पीकर शिव खेड़ा ने याचिका लगाई है । सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार किया है। उनकी इस याचिका को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजा और इस मामले में सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।