हरियाणा में अपना आशियाना बनाना हुआ महंगा, आसमान छू रहे ईंटों के दाम, यह है वजह

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हरियाणा में अपना आशियाना बनाना हुआ महंगा, आसमान छू रहे ईंटों के दाम, यह है वजह

हरियाणा में अपना आशियाना बनाना हुआ महंगा, आसमान छू रहे ईंटों के दाम, यह है वजह


रोहतक। महंगाई की मार से जनता बेहाल है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस से लेकर किराना तक महंगा हो रहा है। अब सपनों का आशियाना बनाना भी मुश्किल हो रहा है। भवन निर्माण सामग्री के दाम बढ़ने से मकान की लागत बढ़ रही है। इसके कारण आम जनता परेशान हैं।  भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से कई लोगों के घर निर्माण का बजट बिगड़ गया है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहले जहां 1000 वर्ग फीट का मकान बनवाने में करीब 10  लाख रुपये खर्च होते थे, वहीं अब 15 लाख रुपये के बीच पहुंच गया है। लेकिन अब हरियाणा में घर बनाना और भी अधिक महंगा हो जाएगा, क्योंकि ईंटों के दाम अब तेजी से बढ़ रहे हैं। इसकी वजह है कोयले की कीमत का बढ़ना। 

दरअसल USA से आने वाले कोयला महंगा हो गया है। यहां से आने वाला कोयला पहले ₹9000 प्रति टन मिलता था, जो अब ₹22000 प्रति टन तक मिल रहा है।  कोयले के दामों में हुई बढ़ोतरी का असर ईटों की कीमत पर पड़ रहा है। ईंट की कीमत अलग-अलग क्वालिटी के हिसाब से तय होती है। अब से दो महीने पहले एक नंबर क्वालिटी वाली ईंट की कीमत 4800 रुपये प्रति हजार थी। अब ये बढ़कर 5300 रुपये प्रति हजार ईंट हो चुकी है। ऐसे ही दो नंबर क्वालिटी वाली ईंट की कीमत पहले 3700 रुपये प्रति हजार थी, जो अब 4200 रुपये प्रति हजार हो गई है। वहीं तीन नंबर क्वालिटी ईंट की कीमत पहले 2600 रुपये प्रति हजार थी, अब 3100 रुपये प्रति हजार रुपये है।

भट्टा मालिकों ने बताया कि USA से आने वाला कोयला भारत में मिलने वाले कोयले के मुकाबले गुणवत्ता में ज्यादा अच्छा होता है। भारत में कोयला की खदान फिलहाल पूरी तरह से संचालित नहीं हुई है। जिस वजह से भट्टा मालिकों को USA से कोयला मंगवाना पड़ रहा है। USA से आने वाले कोयले की ईंट पकाने के लिए खपत कम होती है, जबकि भारत के कोयले की खपत ज्यादा है। वहीं जीएसटी के बढ़ने की वजह से भी उनपर दोहरी मार पड़ी है। पहले भट्टा मालिक कोयले पर 5 प्रतिशत ही जीएसटी देते थे, लेकिन अब उन्हें 12 प्रतिशत जीएसटी देनी पड़ रही है। जिसका असर ईंटों की कीमत पर पड़ रहा है। पहले कंपोजिशन स्कीम का भट्टा मालिकों को 1% देना पड़ता था, जो अब उनको 6 प्रतिशत देना पड़ रहा है।

इसका सीधा असर आर्थिक तौर पर भट्टा मालिकों पर पड़ रहा है। ऐसे में भट्टा मालिकों ने सरकार से कोयले के बढ़ते भाव को रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर सरकार USA से आने वाले कोयले के दामों की बढ़ोतरी पर रोक लगाने में कामयाब होती तो ईंट की कीमत ज्यादा नहीं बढ़ेगी। अगर यही हाल रहा तो ईंट की कीमतों में दो गुना इजाफा होगा।

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