प्रदेश को नशामुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक्शन प्लान जारी किया

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प्रदेश को नशामुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक्शन प्लान जारी किया

प्रदेश को नशामुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक्शन प्लान जारी किया


(K9 Media)

हरियाणा को नशामुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक्शन प्लान जारी किया है। अंतर्राष्ट्रीय नशामुक्ति दिवस पर करनाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक पहल करते हुए नशीली दवाओं के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ नशामुक्त अभियान की कार्ययोजना को रोल आउट यानी सार्वजनिक कर एक पुस्तिका का विमोचन किया। इस तरह के एक्शन प्लान को लॉन्च करने वाला हरियाणा पहला राज्य बन गया है। इस प्लान में नशे से ग्रस्त व्यक्ति की पहचान कर उसे उचित परामर्श और चिकित्सा देकर उसका पुनर्वास किया जाना शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कें और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे विकास के साथ-साथ समाज और उसमें रहने वाले व्यक्ति का विकास भी जरूरी है। इसके लिए उसकी शिक्षा, संस्कार देने के साथ साथ नशे जैसी गलत आदतों से रोककर चरित्र निर्माण किया जाना चाहिए। नशीली चीजों का उपयोग करना सबसे खराब नशा है। इससे व्यक्ति का संतुलन बिगड़ जाता है और उसका विकास रूक जाता है। यह व्यक्ति के साथ-साथ परिवार को खोखला कर देता है। नशे का संबंध केवल इसके उपयोग करने तक ही सीमित नहीं बल्कि यह राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं तक फैला हुआ है। इसे रोकना हालांकि चुनौती है, लेकिन प्रयासों से सब कुछ संभव हो जाता है।

प्रदेश सरकार की कार्ययोजना के तहत नशे में लिप्त युवाओं के स्वास्थ्य वर्धन और उनके पुनर्वास के लिए हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो की यह पहल अनूठी साबित होगी। इस प्लान में नशे से ग्रस्त व्यक्ति की पहचान करके उसे उचित परामर्श और चिकित्सा देकर उसका पुनर्वास किया जाना शामिल है।

प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिए उक्त एक्शन प्लान के तहत स्कूल, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में धाकड़ कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। धाकड़ का अर्थ हिम्मत वाला व्यक्ति। इस कार्यक्रम के अंतर्गत क्लास के पांच बच्चों का एक  ग्रुप बनाया जाएगा, जो सुस्त, एकाकी रहने वाले व चोरी छिपे नशा करने वाले बच्चे की पहचान करेंगे और उसकी सूचना क्लास टीचर यानी सीनियर धाकड़ को देंगे। सीनियर धाकड़ सूचना प्राप्त करने के बाद संबंधित प्रिंसिपल/हैड मास्टर को रिपोर्ट करेंगे जो नोडल धाकड़ कहलाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन और सुपरविजन के लिए राज्य, जिला, उपमंडल, कलस्टर और गांव/वार्ड स्तर पर मिशन टीमें, नशे से ग्रस्त व्यक्ति की काउंसिलिंग, उपचार व पुनर्वास के लिए काम करेंगी। गांव स्तर पर 6538 टीमें, वार्ड मिशन की 1710 टीमें, 532 कलस्टर टीम, 72 सब डिविजन टीमें, 22 जिले स्तर की टीमें और 25 हजार कैमिस्टों की टीम एक्शन प्लान के तहत काम करेगी। एक्शन प्लान में प्रयास और साथी नाम से दो एप विकसित की गई है, जो प्रतिबंधित दवाईयों पर अंकुश लगाने का काम करेगी तथा ट्रेनिंग का विषय भी जोड़ा गया है। नशामुक्त केंद्रों के साथ-साथ एनजीओ का भी विशेष रोल रहेगा, एनजीओ को भी साथ जोड़ेंगे। प्रदेश को नशामुक्त करने के लिए एक चुनौती के रूप में काम करेंगे।

युवाओं को नशे से दूर रखने और उन्हें रचनात्मक कार्यों विशेषकर खेलों से जोडऩे के लिए प्रदेश में 1100 बनाई जा रही हैं, इनसे युवाओं में खेलों का रूझान बढ़ेगा और उनमें खेल भावना का सृजन होगा। आर्थिक दृष्टि के साथ-साथ हरियाणा खेलों में भी अग्रणी प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। गांव-गांव में दो एकड़ में पार्क/व्यायामशाला बनाने की योजना है, इनमें 1 हजार कोच व योग शिक्षक भर्ती किये जाएंगे और यह योजना प्रदेश के 6 हजार गांव में लागू करेंगे। खेलों के साथ-साथ शिक्षा पर भी प्रदेश में जोर दिया जा रहा है और युवाओं को पुस्कालय से जुडऩे के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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