रोहतक : फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर व्यापारी से ठगे 15.83 लाख रूपये
हरियाणा के रोहतक में एक व्यापारी से ठगी का मामला सामने आया है। व्यापारी ने फ्रेंचाइजी लेने के लिए ऑनलाइन लिंक पर आवेदन किया था, लेकिन वह जालसाजों के जाल में फंस गया और आरोपी व्यापारी से फीस के नाम पर पैसे जमा करवाते रहे।
व्यापारी से कुल 15 लाख 83 हजार 560 रुपये की ठगी की गई। ठगी का पता चलने पर उसने पुलिस में इसकी शिकायत की। रोहतक की नेहरू कॉलोनी निवासी नरेश कुमार ने साइबर क्राइम थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उसने बताया कि वह रोहतक में बिल्डिंग मैटीरियल सप्लाई का काम करता है।
उसने अपनी पत्नी के नाम से बैंक खाता खुलवाया हुआ है। सितंबर माह में उसने अपनी पत्नी के नाम से ब्लिंकिट की फ्रेंचाइजी लेने के लिए गूगल पर सर्च किया। इस दौरान उसे एक लिंक दिखाई दिया। उसने उस लिंक पर क्लिक किया तो उससे मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, फर्म का नाम और लोकेशन मांगी गई। जानकारी भरने के बाद कॉल आई और दूसरी तरफ से व्यक्ति ने खुद को ब्लिंकिट कंपनी का कर्मचारी बताया।
कॉल करने वाले व्यक्ति ने ब्लिंकिट की फ्रेंकाईजी के लिए फार्म भरने के लिए कहा। 24 सितंबर को फार्म भरकर कागजात भेज दिए और कागजात भी भेज दिए। 30 सितंबर को मेल के माध्यम से अप्रूवल लेटर भेजा। रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 49 हजार 560 रुपए जमा करवाए।
इसके बाद फ्रेंचाईजी फीस, ट्रेड लाइसेंस फीस, सिक्योरिटी डिपोजिट आदि की फीस जमा करवाने के लिए रुपए जमा करवाने के लिए कहा। फीस के नाम पर 1 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक कुल 6 ट्रांजेक्शन में 15 लाख 83 हजार 560 रुपए जमा करवाए।
उन्होंने बताया कि 15 लाख 83 हजार 560 रुपए जमा करवाने के बाद उससे साढ़े 4 लाख रुपए फीस जमा करवाने के लिए कहा। जिसके बाद फोन पर बात करने वालों पर शक हुआ। इसके बाद रोहतक स्थित ब्लिंकिट कंपनी के कार्यालय में संपर्क किया और इन सबके बारे में पूछताछ किया। इसके बाद पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। पता लगने के बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी।
व्यापारी से कुल 15 लाख 83 हजार 560 रुपये की ठगी की गई। ठगी का पता चलने पर उसने पुलिस में इसकी शिकायत की। रोहतक की नेहरू कॉलोनी निवासी नरेश कुमार ने साइबर क्राइम थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उसने बताया कि वह रोहतक में बिल्डिंग मैटीरियल सप्लाई का काम करता है।
उसने अपनी पत्नी के नाम से बैंक खाता खुलवाया हुआ है। सितंबर माह में उसने अपनी पत्नी के नाम से ब्लिंकिट की फ्रेंचाइजी लेने के लिए गूगल पर सर्च किया। इस दौरान उसे एक लिंक दिखाई दिया। उसने उस लिंक पर क्लिक किया तो उससे मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, फर्म का नाम और लोकेशन मांगी गई। जानकारी भरने के बाद कॉल आई और दूसरी तरफ से व्यक्ति ने खुद को ब्लिंकिट कंपनी का कर्मचारी बताया।
कॉल करने वाले व्यक्ति ने ब्लिंकिट की फ्रेंकाईजी के लिए फार्म भरने के लिए कहा। 24 सितंबर को फार्म भरकर कागजात भेज दिए और कागजात भी भेज दिए। 30 सितंबर को मेल के माध्यम से अप्रूवल लेटर भेजा। रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 49 हजार 560 रुपए जमा करवाए।
इसके बाद फ्रेंचाईजी फीस, ट्रेड लाइसेंस फीस, सिक्योरिटी डिपोजिट आदि की फीस जमा करवाने के लिए रुपए जमा करवाने के लिए कहा। फीस के नाम पर 1 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक कुल 6 ट्रांजेक्शन में 15 लाख 83 हजार 560 रुपए जमा करवाए।
उन्होंने बताया कि 15 लाख 83 हजार 560 रुपए जमा करवाने के बाद उससे साढ़े 4 लाख रुपए फीस जमा करवाने के लिए कहा। जिसके बाद फोन पर बात करने वालों पर शक हुआ। इसके बाद रोहतक स्थित ब्लिंकिट कंपनी के कार्यालय में संपर्क किया और इन सबके बारे में पूछताछ किया। इसके बाद पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। पता लगने के बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी।