सोनीपत : धोखे से मिठाई की दुकान पर कब्जा करने पर कांस्टेबल समेत 4 पर मामला दर्ज
हरियाणा के सोनीपत में पुलिस के एक हैड कॉन्स्टेबल, उनकी पत्नी समेत चार के खिलाफ पुलिस ने धमकी, धोखाधड़ी, जालसाजी, अपमानित, उत्पीड़न, गबन और पद का दुरुपयोग के आरोप में केस दर्ज किया है। मामला बड़वासनी में एक मिठाई की दुकान का है। सेवानिवृति के बाद एक व्यक्ति ने अपनी सारी जमा पूंजी लगाकर जमीन खरीद कर दुकान शुरू की थी। आरोप हे कि पुलिस कर्मी इस प्रॉपर्टी को हड़पने का प्रयास कर रहा है। पुलिस मामले में जांच कर रही है।
सोनीपत निवासी युवती विनिता ने पुलिस को दर्ज कराई शिकायत में कहा कि उसके परिवार में माता-पिता व चार बहनें हैं। वर्ष 2020 में उसके पिता नरेंद्र ने सेवानिवृत्ति के बाद माहरा मोड़, बड़वासनी, सोनीपत के पास स्थित एक संपत्ति खरीदी। इसके बाद अस्थायी निर्माण किया गया। 20 जून 2023 को यहां एक मिठाई की दुकान खोली गई। इसको लेकर ईएचसी संदीप कुमार द्वारा सुझाव दिया गया था। वे संदीप को एक सच्चा मित्र और शुभचिंतक मानते थे।
विनिता का आरोप है कि बाद में ईएचसी संदीप कुमार का तब पता चला जब उसने उसके पिता की संपत्ति पर अनधिकृत कब्जा कर लिया है। ईएचसी संदीप कुमार ने उसके पिता की सेवानिवृत्ति पर मिली राशि हड़पने के लिए यह सब जालसाजी की। उसके पिता को मिठाई की दुकान पर कुछ शामक दवाएं खाने को मजबूर कर दिया। इससे वे शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर हो गए और उनका स्वास्थ्य भी बिगड़ गया।
बीमार होने के कारण उसके पिता ने दुकान पर जाना बंद कर दिया। ईएचसी संदीप कुमार ने उसके पिता को आराम करने और दुकान की चिंता न करने की सलाह दी। 18 अक्टूबर 2023 को जब उसके पिता मिठाई की दुकान पर गए और उन्होंने वहां ईएचसी संदीप कुमार को पाया। उन्होंने बिक्री और अन्य चीजों के बारे में पूछने पर, ईएचसी संदीप कुमार ने उसके पिता से बुरा व्यवहार किया। कमाई और खर्च के बारे में कोई भी विवरण देने से इनकार कर दिया।
उसने बताया कि उसके पिता नरेंद्र को तब बड़ा झटका लगा जब ईएचसी संदीप कुमार ने उससे मिठाई की दुकान में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 23 लाख रुपए मांगे। इसके बाद उन्होंने शुरुआती जांच शुरू की, अपने बैंक खातों की जांच की, तो पता चला कि ईएचसी ने धोखे से क्यूआर कोड जनरेट करवाए और उन्हें उद्घाटन के दिन से मिठाई की दुकान में चिपका दिया।
विनिता के अनुसार संदीप ने विभिन्न क्यूआर कोड का उपयोग करके धोखाधड़ी करके, उसने मिठाई की दुकान पर बिक्री के माध्यम से अर्जित धन को अपने से जुड़े बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया। केवल कुछ ही लेन-देन क्यूआर कोड में किए गए थे, जो उसके पिता के थे, ताकि हमें दिखाया जा सके कि मिठाई की दुकान की बिक्री में भारी नुकसान हुआ है। EHC संदीप कुमार ने धोखाधड़ी से अपनी पत्नी यानी पूनम के नाम पर उनके पिता नरेंद्र का जीएसटी नंबर परिवर्तित कर लिया।
उसके अनुसार बाद में पंचायतें हुई। परन्तु ईएचसी संदीप कुमार ने इसमें भाग लेने से इनकार कर दिया। संदीप कुमार ने उसके पिता और मेरे पूरे परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देनी शुरू कर दी। उसने पिता को धमकाया कि वह लंबे समय से सीआईए में हैं और हमें झूठे मामलों में फंसा सकता है। दुकान पर गए या इसके कब्जे के बारे में बात की तो आपको और आपकी बेटियों को जेल हो जाएगी। अपने पद का दुरुपयोग करते हुए हम पर चुप रहने का दबाव बनाया।
विनिता ने पुलिस शिकायत में कहा कि यदि मेरे परिवार के किसी सदस्य को कोई नुकसान होता है या दुकान को कोई नुकसान होता है, तो ईएचसी संदीप कुमार उनकी पत्नी, पूनम और उनके साथी अमित कुमार व सत्यवान निवासी माहरा जिम्मेदार होंगे। मामले में जांच के बाद अब पुलिस ने सदर थाना सोनीपत में संदीप कुमार, उनकी पत्नी व दो अन्य साथियों के खिलाफ धारा 447,420,467,468,471,506,34,120-बी आईपीसी में केस दर्ज कर लिया है।
सोनीपत निवासी युवती विनिता ने पुलिस को दर्ज कराई शिकायत में कहा कि उसके परिवार में माता-पिता व चार बहनें हैं। वर्ष 2020 में उसके पिता नरेंद्र ने सेवानिवृत्ति के बाद माहरा मोड़, बड़वासनी, सोनीपत के पास स्थित एक संपत्ति खरीदी। इसके बाद अस्थायी निर्माण किया गया। 20 जून 2023 को यहां एक मिठाई की दुकान खोली गई। इसको लेकर ईएचसी संदीप कुमार द्वारा सुझाव दिया गया था। वे संदीप को एक सच्चा मित्र और शुभचिंतक मानते थे।
विनिता का आरोप है कि बाद में ईएचसी संदीप कुमार का तब पता चला जब उसने उसके पिता की संपत्ति पर अनधिकृत कब्जा कर लिया है। ईएचसी संदीप कुमार ने उसके पिता की सेवानिवृत्ति पर मिली राशि हड़पने के लिए यह सब जालसाजी की। उसके पिता को मिठाई की दुकान पर कुछ शामक दवाएं खाने को मजबूर कर दिया। इससे वे शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर हो गए और उनका स्वास्थ्य भी बिगड़ गया।
बीमार होने के कारण उसके पिता ने दुकान पर जाना बंद कर दिया। ईएचसी संदीप कुमार ने उसके पिता को आराम करने और दुकान की चिंता न करने की सलाह दी। 18 अक्टूबर 2023 को जब उसके पिता मिठाई की दुकान पर गए और उन्होंने वहां ईएचसी संदीप कुमार को पाया। उन्होंने बिक्री और अन्य चीजों के बारे में पूछने पर, ईएचसी संदीप कुमार ने उसके पिता से बुरा व्यवहार किया। कमाई और खर्च के बारे में कोई भी विवरण देने से इनकार कर दिया।
उसने बताया कि उसके पिता नरेंद्र को तब बड़ा झटका लगा जब ईएचसी संदीप कुमार ने उससे मिठाई की दुकान में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 23 लाख रुपए मांगे। इसके बाद उन्होंने शुरुआती जांच शुरू की, अपने बैंक खातों की जांच की, तो पता चला कि ईएचसी ने धोखे से क्यूआर कोड जनरेट करवाए और उन्हें उद्घाटन के दिन से मिठाई की दुकान में चिपका दिया।
विनिता के अनुसार संदीप ने विभिन्न क्यूआर कोड का उपयोग करके धोखाधड़ी करके, उसने मिठाई की दुकान पर बिक्री के माध्यम से अर्जित धन को अपने से जुड़े बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया। केवल कुछ ही लेन-देन क्यूआर कोड में किए गए थे, जो उसके पिता के थे, ताकि हमें दिखाया जा सके कि मिठाई की दुकान की बिक्री में भारी नुकसान हुआ है। EHC संदीप कुमार ने धोखाधड़ी से अपनी पत्नी यानी पूनम के नाम पर उनके पिता नरेंद्र का जीएसटी नंबर परिवर्तित कर लिया।
उसके अनुसार बाद में पंचायतें हुई। परन्तु ईएचसी संदीप कुमार ने इसमें भाग लेने से इनकार कर दिया। संदीप कुमार ने उसके पिता और मेरे पूरे परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देनी शुरू कर दी। उसने पिता को धमकाया कि वह लंबे समय से सीआईए में हैं और हमें झूठे मामलों में फंसा सकता है। दुकान पर गए या इसके कब्जे के बारे में बात की तो आपको और आपकी बेटियों को जेल हो जाएगी। अपने पद का दुरुपयोग करते हुए हम पर चुप रहने का दबाव बनाया।
विनिता ने पुलिस शिकायत में कहा कि यदि मेरे परिवार के किसी सदस्य को कोई नुकसान होता है या दुकान को कोई नुकसान होता है, तो ईएचसी संदीप कुमार उनकी पत्नी, पूनम और उनके साथी अमित कुमार व सत्यवान निवासी माहरा जिम्मेदार होंगे। मामले में जांच के बाद अब पुलिस ने सदर थाना सोनीपत में संदीप कुमार, उनकी पत्नी व दो अन्य साथियों के खिलाफ धारा 447,420,467,468,471,506,34,120-बी आईपीसी में केस दर्ज कर लिया है।