महिला से दोस्ती करने के लिए पहनी पुलिस की वर्दी; सच्चाई जान उड़े महिला के होश
यूपी पुलिस की वर्दी पहनकर एक युवक ने महिला से दोस्ती कर ली। फिर वह काठगोदाम इलाके में उसके घर पर एक साल तक आता-जाता रहा। शक होने पर परिजनों ने उसे पकड़ लिया। पुलिस भी बुला ली गई। काफी देर पूछताछ और जांच पड़ताल के बाद खुलासा हुआ कि वह परचून दुकानदार है। वह यूपी के मिर्जापुर का रहने वाला है। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
क्या है मामला ?
यह मामला काठगोदाम स्थित कृष्णा विहार कॉलोनी का है। यहां रहने वाले एक व्यक्ति ने रविवार को बताया कि मकान की दूसरी मंजिल पर भाई अपने परिवार के साथ रहता है। यूपी पुलिस की वर्दी पहनकर एक व्यक्ति पिछले एक साल से उनके यहां आ रहा था। भाई की पत्नी उस व्यक्ति को अपना रिश्तेदार बताती थी। शक होने पर रविवार को जब उन्होंने आरोपी से पूछताछ की गई तो वह बहस करने लगा। मारने की धमकी भी दी।
विवाद बढ़ने पर पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने उससे पूछताछ की। SO दीपक बिष्ट ने बताया कि आरोपी ने फर्जी परिचयपत्र दिखाते हुए यूपी पुलिस में होने का दावा किया। तब उससे उसकी ट्रेनिंग की जगह, अवधि, वर्तमान पोस्टिंग, कानूनी धाराएं आदि पूछी गईं तो वह फंस गया। कुछ ही देर में उसने असलियत स्वीकार कर ली।
उसने अपना नाम संजय और यूपी के मिर्जापुर के रूपपुर का रहने वाला बताया। पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। पुलिस ने संजय कुमार के खिलाफ कूटरचित वर्दी, फर्जी पहचान पत्र रखने, पुलिस के नाम पर धोखाधड़ी करने और धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। जांच में पता चला कि महिला के पति और सास के बीमार होने का उसने फायदा उठाया। महिला भी आरोपी को असली पुलिसकर्मी समझती थी।
पकड़ में आए आरोपी के आधार कार्ड पर दर्ज पते के जरिये स्थानीय पुलिस ने मिर्जापुर जिले की पुलिस से मदद ली गई। वहां का एक चौकी इंचार्ज आरोपी के गांव गया तो पता चला कि वहां उसकी परचून की दुकान है। वहां भी पुष्टि हुई कि वह आए दिन हल्द्वानी जाता रहता है।
सूत्रों ने बताया कि आरोपी यूपी पुलिस की वर्दी पहनकर भारी आवाज में बोलता था। उसके आत्मविश्वास से लोगों को शक नहीं हुआ। रविवार को मकान मालिक से बहस करने के बाद भी वह वहां से भागा नहीं। लोगों को लगा कि पुलिस वाला ही होगा। जब काठगोदाम पुलिस पूछताछ के लिए पहुंची तब भी आरोपी भारी आवाज में बात करता रहा। कुछ पल के लिए तो असली पुलिस को भी उसके पुलिसकर्मी होने का भरोसा हो गया था।