किन्नर था इसलिये मां ने घर से बाहर निकाला, फिर पायलट बनकर बढ़ाया परिवार का मान

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किन्नर था इसलिये मां ने घर से बाहर निकाला, फिर पायलट बनकर बढ़ाया परिवार का मान

किन्नर था इसलिये मां ने घर से बाहर निकाला, फिर पायलट बनकर बढ़ाया परिवार का मान


नई दिल्ली : आज के दौर में भी ट्रांसजेंडर बच्चा होने पर खुद घर-परिवार के लोग भी उस बच्चे से नफरत करते हैं। कभी-कभी तो खुद बच्चे की मां भी ट्रांसजेंडर बच्चे को अपनाने से इंकार कर देती है। आज एक ऐसी ही कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसे किन्नर होने पर मां ने घर से बाहर निकाल दिया। बाद में इसी बच्चे ने बड़ा होकर अपने परिवार का मान बढ़ाया।


एडम हैरी जो देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट हैं। एडम के मम्मी और पापा को इस बात की जानकारी हुई कि वो ट्रांसजेंडर है तो उन्होंने एडम को घर से बाहर निकाल दिया। जब उनके परिवार वालों ने उन्हें घर से बाहर निकाला तब एडम के पास कुछ भी पैसे नहीं थे। घर परिवार से बेघर होने के बाद एडम बिल्कुल अकेले हो गये थे। उन्हें फुटपाथ पर सोना पड़ता था लेकिन एडम ने  हार नहीं मानी। मन में कुछ कर दिखाने की ठान ली।

किन्नर था इसलिये मां ने घर से बाहर निकाला, फिर पायलट बनकर बढ़ाया परिवार का मान

बचपन से ही एडम का सपना कमर्शियल पायलट बनने का था। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने प्राइवेट पायलट लाइसेंस का प्रशिक्षण लिया।  साल 2017 में उन्हें जोहान्सबर्ग में लाइसेंस भी मिला।  एडम के पास अपने खर्च निकालने तक के पैसे नही थे। इस वजह से उन्हें जूस के दुकान पर काम करना पड़ता था। इस दौरान भी एडम को लोग तुच्छ निगाहों से देखते थे लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। एडम ने सोशल जस्टिस विभाग से अपनी पढ़ाई के लिए मदद मांगी, तो उन्हें एविएशन एकडेमी को ज्वॉइन करने की सलाह दी गयी।

इस परेशानी के वक्त एडम को केरल सरकार ने सहायता देते हुये राज्य सामाजिक न्याय डिपार्टमेंट की ओर से 22.34 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दिलायी। जिसकी सहायता से वो कॉर्मिशयल पायलट बन सकें। जो परिवार उन्हें नफरत की निगाहों से देखता था आज उनको ही अपने बेटे पर गर्व महसूस होता है। 

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