दिल्ली | दिल्ली के सीमापुरी इलाके में राधा और उसके बच्चों की मौत महज बस एक हादसा है या फिर वह किसी साजिश का शिकार हुए। यह अभी साफ नहीं हो पाया है। इस पूरे घटनाक्रम में कई ऐसे सवाल हैं जो जिनका जवाब अभी मिलना बाकी है। रात को अगर मोहित भी कमरे में मौजूद था तो उस पर धुएं का असर क्यों नहीं हुआ। इसके बाद सुबह जब मकान मालिक अमरपाल घर पहुंचा तो उस समय दरवाजा अंदर से बंद था। काफी खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला। उसके बाद अचानक मोहित को बच्चे को ले जाते हुए लोगों ने देखा।
वहीं दूसरी ओर मोहित बच्चे को नजदीकी जीटीबी या ताहिरपुर अस्पताल न ले जाकर हेडगेवार अस्पताल लेकर पहुंचा। इन सब का जवाब ढूंढने का पुलिस प्रयास कर रही है। राधा के भाई विष्णु ने बताया कि उसका जीजा मोहित नशे की हालत में उसकी बहन को जानवरों की तरह पीटता था। यहां तक उसके बच्चे भी उससे बुरी तरह डरते थे।
विष्णु ने बताया कि उनका परिवार फिरोजाबाद के विष्णु-नंगला गांव का रहने वाला है। परिवार में चार भाई व दो बहनें थीं। फिलहाल परिवार दिल्ली के ताहिरपुर में रहता है। करीब 12 साल पहले परिवार ने राधा की शादी मोहित से की थी। पहले तो सब कुछ ठीक था। लेकिन बाद में मोहित ने शराब पीने के अलावा गांजा व स्मैक पीना शुरू कर दिया। वह अपनी पत्नी व बच्चों को बुरी तरह पीटता था। करीब पांच सालों से दोनों के बीच विवाद चल रहा था
पिटाई के बाद अक्सर राधा अपने मायके ताहिरपुर आ जाती थी, उसके कुछ ही दिनों बाद मोहित किसी रिश्तेदार को लेकर घर आकर पत्नी को मनाकर ले जाता था। विष्णु ने बताया कि मोहित का किसी दूसरी महिला से भी चक्कर था। कई बार वह रात को घर भी नहीं आता था। पूछने पर बच्चों व राधा को और पीटता था। विष्णु का आरोप है कि अंगीठी से दम घुटने का सबको पता है, उनकी बहन ऐसी गलती नहीं कर सकती है। वारदात के पीछे कोई न कोई साजिश है। सूचना मिलने के बाद वह बहन के घर पहुंचा तो बच्चों के मुंह से झाग भी आ रहे थे। ऐसा लग रहा था कि शायद कुछ जहरीला पदार्थ खिलाकर परिवार को मारा गया है। बाद में उसे हादसे की शक्ल दी गई हो।
मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा सकती है पुलिस...
सीमापुरी में महिला व उसके चार बच्चों की मौत के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए पुलिस मेडिकल बोर्ड के गठन की मांग कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि चूंकि मामला संदिग्ध है इसलिए पुलिस भी मामले में कोई जोखिम लेना नहीं चाहेगी। यदि मेडिकल बोर्ड के गठन की मांग की जाती है तो बृहस्पतिवार को सभी का पोस्टमार्टम होना संभव नहीं होगा। शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराया जा सकता है। पुलिस ने शवों को जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
एक साथ पांच की मौत से घर में मचा कोहराम...
राधा के मायके में कोहराम मचा हुआ था। उसके बुजुर्ग पिता भूपसिंह की आंखे तो जैसे पथरा गई थीं। परिवार को हमेशा राधा की चिंता सताती रहती थी। अब तो कहानी ही खत्म हो गई। बुजुर्ग भूपसिंह ने रोते हुए बताया। बंटू ने बताया कि इनके परिवार में बुजुर्ग पिता भूपसिंह के अलावा तीन अन्य भाई संजय, टीटू, विष्णु हैं। राधा के अलावा एक और इनकी शादीशुदा बहन फिरोजाबाद में रहती है। पांच साल पहले बीमारी से मां की मौत हो गई थी। राधा और सभी बच्चों की मौत के बाद परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल था। परिजनों का कहना था कि मोहित ने ही वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे।
कमरे में अंगीठी जलाना जानलेवा...
ठंड से बचने के लिए अक्सर लोग आग जलाने या अंगीठी व दूसरी चीजों का सहारा लेते हैं। बंद कमरे में तो अक्सर यह जानलेवा साबित होती है। सीमापुरी मामले में यदि सभी पांचों की दम घुटने से मौत हुई है तोइस पर एक बार नजर डालना जरूरी है। किसी भी बंद कमरे में अंगीठी, हीटर दूसरे उपकरण जलाने से वहां आक्सीजन की कमी हो जाती है। अंगीठी व दूसरे ज्वलनशील पदार्थो से कार्बन मोनोआक्साइड व दूसरी गैस निकलती है, जिसके फेफड़ों में जाते ही आदमी सोते समय अचेत हो जाता है और कुछ ही समय में उसकी मौत हो जाती है। जानकारों का कहना है कि कमरे में अंगीठी या हीटर जलाते समय वहां हवा आने-जाने का रास्ता भी जरूर होना चाहिए।