यमुनानगर में फॉर्मलडिहाइड प्लांट देर रात उड़ा रहे NGT के आदेशों की अवहेलना
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों ने बिना एनवायरमेंट क्लीयरेंस के चल रहे फॉर्मलडिहाइड प्लांट्स को बंद करने आदेश दिए हुए हैं लेकिन यमुनानगर में फिर भी साल 2006 के बाद लगे बिना एनवायरमेंट क्लीयरेंस के 7 फॉर्मलडिहाइड प्लांट चल रहे हैं. 15 दिन पहले मामला पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के संज्ञान में लाया गया था जिसके बाद पोलूशन कंट्रोल बोर्ड ने कहा था कि इन फैक्ट्रियों को सील कर दिया गया है और इनके बिजली कनेक्शन काटने के लिए बिजली विभाग को लिख दिया गया है लेकिन अब भी यह प्लांट देर रात धड़ल्ले से एनजीटी के नियमों के विरुद्ध जाकर अपना काम जारी रखे हुए हैं और ना ही अब तक इनके बिजली के कनेक्शन काटे हैं
देश भर में बिना एनवायरमेंट क्लीयरेंस के चल रहे फॉर्मलडिहाइड प्लांट्स को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से बंद करने के आदेश दिए हुए हैं. हरियाणा के यमुनानगर में भी 9 फॉर्मलडिहाइड प्लांट्स चल रहे हैं लेकिन इनमें से सिर्फ दो ही प्लांट्स के पास एनवायरमेंट क्लीयरेंस है बाकि के 7 प्लांट बिना एनवायरमेंट क्लीयरेंस के धड़ल्ले से चल रहे हैं. पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के संज्ञान में बीती 5 जून को यह मामला लाया गया था जिस पर पोलूशन कंट्रोल बोर्ड में कार्रवाई करने की बात कही थी लेकिन इसके 10 दिन बीत जाने के बावजूद यह प्लांट चल रहे थे जिसके बाद दोबारा पोलूशन कंट्रोल बोर्ड से इस बारे में बातचीत की गई जिस पर उन्होंने कहा कि उन्होंने फैक्ट्रियों को सील कर दिया है और बिजली विभाग को इन प्लांट्स के कनेक्शन काटने के लिए लेटर जारी कर दिया गया है उसके भी 5 दिन बीत जाने के बावजूद यह प्लांट देर रात धड़ल्ले चल रहे हैं इस बारे में जब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी से बातचीत की गई तो जानिए उनका क्या कहना था
वहीं इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारी का कहना था कि उन्हें पोलूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से लेटर मिला है और जल्द ही इन फैक्ट्रियों के बिजली कनेक्शन काट दिए जाएंगे
लेकिन यहां सवाल उठता है कि आखिर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के इन फैक्ट्रियों को सील करने के बावजूद यह फैक्ट्रियां देर रात कैसे चल रही है साथ ही सवाल यह भी है कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने बिजली विभाग को तो कनेक्शन काटने के लेटर लिख दिए हैं लेकिन इसके बावजूद यह फैक्ट्री संचालक जनरेटर पर भी अपनी फैक्ट्रियां चला सकते हैं तो आखिर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अब इन पर कैसे लगाम लगा पाएगा यह देखने वाली बात होगी वही आपको बता दें कि जिला उपायुक्त के संज्ञान में भी यह मामला लाया गया था लेकिन अब तक शायद इन फैक्ट्री संचालकों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रहा