चौहरा हत्याकांड: एक दिन पहले ही मम्मी-पापा, बहन और नानी को मारना चाहता था इकलौता बेटा, इस वजह से टल गई थी योजना
रोहतक के विजय नगर में हुए चौहरे हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। हत्या आरोपी इकलौता बेटा अभिषेक 26 अगस्त को ही परिवार के सदस्यों की हत्या करना चाहता था लेकिन उसके पिता बबलू मलिक का परिचित ऐन वक्त पर मिलने आ गया। इससे वह वारदात को अंजाम नहीं दे सका। इसके अगले दिन साढ़े 11 बजे ही उसने चारों को गोली मार दी। उक्त बातें अभिषेक ने पुलिस के समक्ष बताईं हैं। पुलिस के मुताबिक अभिषेक उर्फ मोनू की ढाई साल से कार्तिक से दोस्ती और उससे संबंध है। जब उसके पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को इसकी भनक लगी तो उसने अभिषेक को डांटा और खर्च करने के लिए रुपये देने बंद कर दिए। इससे नाराज अभिषेक ने पूरे परिवार को सबक सिखाने की ठान ली। 26 अगस्त को ही वह वारदात अंजाम देना चाहता था लेकिन इसी बीच वहां उसके पिता के परिचित मिलने के लिए आ गए। इससे वह कामयाब नहीं हो सका। ऐसे में उसने अगले दिन एक-एक करके चारों को गोली मार दी।
पहले हर रोज लंबी बात करते थे बबलू व नेहा, उस दिन एक भी कॉल नहीं
27 अगस्त को हत्या की जांच के दौरान पुलिस को यह जानकारी हो गई थी कि किसी नजदीकी ने ही वारदात अंजाम दिया है। ऐसे में सबसे पहले सीआईए ने अभिषेक से दो घंटे तक पूछताछ की। यह सिलसिला 29 अगस्त तक चला। अभिषेक ने बताया कि उसने घर से आने के बाद पापा को 12 बजे कॉल की लेकिन रिकार्ड में कोई कॉल नहीं मिली।
इसके अलावा पुलिस ने बबलू मलिक, नेहा उर्फ तमन्ना व उसकी मां के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई। पता चला कि 27 अगस्त से पहले हर रोज सुबह उठकर बबलू मलिक व नेहा की किसी परिचित या किसी काम के बहाने लंबी बातचीत होती थी लेकिन वारदात के दिन साढ़े 11 बजे से 12 बजे के बीच चारों मोबाइल पर एक बार भी कॉल नहीं हुई।
सोमवार को टूट गया अभिषेक, खोल दिया तीन बजे राज
पुलिस ने घर से लेकर होटल तक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, जहां-जहां से आरोपी गुजरा था। फुटेज का मिलान करवाया गया। वह सीधा होटल गया। वहां से अपने दोस्त के साथ ढाबे पर गया। वहां की फुटेज का मिलान किया। इसके बाद उससे पुलिसिया अंदाज में पूछताछ हुई। तड़के तीन बजे उसने राज खोल दिया। बता दें कि रोहतक के विजय नगर में पिछले शुक्रवार को प्रॉपर्टी डीलर बबलू पहलवान, उसकी पत्नी बबली, बेटी नेहा और बबली की मां रोशनी को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात को बबलू पहलवान के इकलौते बेटे ने अंजाम दिया था।