फरीदाबाद मे सरकारी डॉक्टर उड़ा रहे कोरोना नियमों की धज्जियां

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फरीदाबाद मे सरकारी डॉक्टर उड़ा रहे कोरोना नियमों की धज्जियां

फरीदाबाद मे सरकारी डॉक्टर उड़ा रहे कोरोना नियमों की धज्जियां


हरियाणा के सरकारी डॉक्टर ही इन दिनों कोरोना आपदा को अवसर बनाने मे जुटे हुए हैं जहां एक ओर डॉक्टर अपनी जान जोखिम मे डाल कर मरीजों का इलाज करने मे लगे हुए हैं तो वहीँ सरकारी डॉक्टर ही सरकार की नितियों का दुरूपयोग करने मे लगे हुए हैं ताज़ा मामला दिल्ली से सटे फरीदाबाद का है जहां सैक्टर 3 के सरकारी अस्पताल की हेड के तौर पर कार्यरत डॉक्टर शशी गांधी सरकार की नीतियों को पलीता लगाने मे लगी हुई हैं। अब सारा मामला तफ़सील से समझाते हैं दरअसल एस म ओ के पद पर तैनात डॉक्टर शशी गांधी फरीदाबाद के सेक्टर 3 मे स्तिथ सरकारी अस्पताल मे अपने मातहत काम करने वाले सरकारी कर्मचारी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की हाजिरी अस्पताल के रजिस्टर मे दर्ज कराती थीं और कुछ की खाली छोड़ देती थीं, जिन लोगों की ये डॉक्टर साहिबा हाजिरी नहीं लगाती थीं और उनकी हाजिरी लगाने की एवज मे वो उनसे अपने निजी फार्म हाउस मे सरकारी समय मे अपना काम कराती थीं। इसकी पड़ताल करने गई टीम को पहले तो डॉक्टर साहिबा ने पैसे और ऐशो आराम का लालच दिया लेकिन जब बात नहीं बनी तो डॉक्टर मैडम ने अपनी पहुँच का फ़ायदा उठाते हुए पुलिस के द्वारा पत्रकारों को प्रताड़ित करने और ब्लैकमेल करने की साजिश तक कर डाली। आखिर मे डॉक्टर मैडम की लिखी शिकायत मे ही उसकी करनी का भंडाफोड़ हो गया। देखिये ये ख़ास रिपोर्ट। 


 दिखाई दे रही ये तस्वीरें उसी सरकारी अस्पताल की है जहा डॉक्टर शशि गांधी हेड के तौर पर कार्यरत हैं। यही से हमें सूचना मिली थी की ये अपने मातहत काम करने वाले कर्मचारियों का शोषण कर रही हैं। खबर मिलने के बाद हमने सबसे पहले उस हाजिरी रजिस्टर की कॉपी हासिल की जिसमे सभी कर्मचारियों की रोजाना की हाजिरी लगती थी। जिसमे देखने के बाद पता लगा की कुछ तो गड़बड़ है की कई लोगों की हाजिरी के नाम के सामने कई कॉलम खाली थे वो भी कई दिनों से। अब इसकी जांच तो जरूरी थी की अगर कर्मचारी नहीं आ रहे तो उनकी गैरहाजिरी क्यों नहीं दर्ज की गई और अगर आ रहे थे तो उनकी हाजिरी क्यों नहीं लगाई गई कॉलम क्यों खाली छोड़े गए और दूसरी बात की जिन कर्मचारियों की हाजिरी लगी है आखिर वो कहाँ हैं वो भी ड्यूटी टाइम मे जब अस्पताल को इस भयानक कोरोना काल मे कर्मचारियों की जरूरत पड़ रही है। सारी बातें किसी गलत काम की ओर इशारा कर रहे थे। इन्ही सभी बातों की जांच के लिए हमने इनकी पड़ताल करने का निर्णय लिया।  सूचना मिलने के बाद मीडिया की टीम तहकीकात करने पहुँच गई सूत्रों के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक हमने पड़ताल शुरू की तो पता लगा की जो आरोप डॉक्टर शशि गांधी पर लगाए गए हैं उनमे कुछ तो सच्चाई है। आगे की सच्चाई जान्ने के लिए हम ने तय किया की इनके फार्म हाउस पर जाकर देखा जाए की इनके ऊपर लगाए आरोप ठीक हैं या गलत। इसकी पड़ताल करने के लिए मीडिया की टीम बताए गई जगह यानी फरीदाबाद के गांव मोहना के पास अमरपुर गांव मे पहुंची तो सारी सच्चाई कैमरे मे कैद हो गई। डॉक्टर साहिबा शशि गांधी अपने मातहत कर्मचारी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से अपने निजी फार्म हाउस पर काम करवा रही थी अब मतलब साफ़ था की डॉक्टर साहिबा के खिलाफ जो रिपोर्ट हमें मिली थी वो बिलकुल सही थी और इस भीषण कोरोना काल मे जब लोग एक दुसरे की मदद् कर सबकी जान बचाने की कोसिस कर रहे थे तो वही डॉक्टर मैडम अपने यहां काम कर रहे सरकारी कर्मचारियों से अपने निजी फार्म हाउस पर अपना काम करवाने मे लगी हुई हैं। डॉक्टर मैडम का वर्क फ्रॉम होम का लैटर भी हमारे हाथों लगा, जब डॉक्टर मैडम को वर्क फ्रॉम होम अस्पताल के लिए करना था तो फार्म हाउस पर सरकारी कर्मचारियों को लेकर क्यों अपना निजी काम कर रही थी और करवा रही थी। इन सभी बातों को देखते हुए जब मीडिया की टीम वहाँ से जाने लगी तो डॉक्टर साहिबा ने पत्रकारों को मीठे ख़्वाब दिखाकर अपने फंदे मे कसना चाहा और कई बड़े लोगोँ से बात कराकर मामले को शांत कराने की कोसिस की। जब इतने मे भी बात थमती नजर नहीं आई तो डॉक्टर मैडम ने फरीदाबाद की सेक्टर 3 की चौकी मे एक शिकायत दी की पत्रकार उनको ब्लैकमेल कर रहे रहे हैं जिसमें सेक्टर 3 के चौकी इंचार्ज और उसके मुलाजमान ने बिना कोई जांच किए पत्रकारों पर समझोते का दबाव बनाने के लिए 3 घंटे चौकी मे बैठा कर रखा कोई सबूत न मिलने के चलते आखिर मे शिकायत देने वाली डॉक्टर मैडम को लिखना पड़ा की पत्रकार मेरे खिलाफ कोई भी विभागीय जांच की शिकायत नहीं करेंगे। अब आप खुद ही तय कर लीजिये की एक पत्रकार को क्या क्या नहीं झेलना पड़ता। 
 अब देखने वाली बात होगी की सरकार ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई अमल मे लाती है। जहां एक ओर सरकार कम स्वास्थ्य कर्मचारियों की बात करके अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने की बात कहते हुए नजर आती है लेकिन जहां कर्मचारी होते हुए भी वहाँ के जिम्मेदार अधिकारी ही उनको काम न करने दे तो उनके खिलाफ सरकार क्या कडे कदम उठाएगी अब इन्तेजार रहेगा।

वहीँ जब इस मामले मे हमने जिला सिविल सर्जन यानी cmo साहब से बात की तो उन्होंने कैमरे पर आकर कुछ कहने से मन कर दिया लेकिन आरोपी डॉक्टर शशि गांधी के खिलाफ विभागीय जांच और कार्रवाई का आश्वाशन दिया है। 

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