हरियाणा की जेलों में बंद अपराधियों को राहत, 6000 कैदियों को फिर मिलेगी जेल से मुक्ति: रणजीत सिंह

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हरियाणा की जेलों में बंद अपराधियों को राहत, 6000 कैदियों को फिर मिलेगी जेल से मुक्ति: रणजीत सिंह

हरियाणा की जेलों में बंद अपराधियों को राहत, 6000 कैदियों को फिर मिलेगी जेल से मुक्ति: रणजीत सिंह


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चंडीगढ़ (ब्यूरो): हरियाणा में कोविड-19 की दूसरी लहर में बढ़ते मरीजों व मृतकों की संख्या को देखते हुए हरियाणा के बिजली जेल मंत्री रंजीत सिंह ने देर रात फोन पर पंजाब केसरी को बताया कि हरियाणा के 6 हजार ऐसे कैदी जो विभिन्न जेलों में बंद विचाराधाीन हैं, उनके बारे उन्होंने सरकार व पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश व हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजन गुप्ता तथा हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की हाई पावर्ड कमेटी को लिखा है। उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति राजन गुप्ता तथा हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों एसीएस होम राजीव अरोड़ा व डीजीपी जेल शत्रुजीत कपूर की कमेटी अगले दो तीन दिनों में इस पर निर्णय ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी आने में थोड़ा समय लगता ही है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के खतरे के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद चुनिंदा कैदियों को 90 दिन के लिए पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है। इससे जेल में कैदियों की तादाद फौरी तौर पर कम होगी। 90 दिन के बाद सभी कैदी जेल में वापस आ जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सभी राज्यों से एक कमेटी का गठन करने को कहा है। कमेटी तय करेगी कि किस कैदी को रिहा किया जाएगा और किसको नहीं। छोटे मोटे जुर्म में बंद कैदियों को प्राथमिकता दी जाएगी। 

देश में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जा रहे हैं। एक्सपट्र्स भी दूसरी लहर के चरम पर आने की चेतावनी दे रहे हैं। इसी बीच देश में कोविड-19 के मामलों में 'अभूतपूर्व वृद्धि' पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को जेलों में भीड़ कम करने का निर्देश दिए हैं। खास बात है कि बीते साल भी कुछ कैदियों को इसी तरह रिहा किया था। अदालत ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जिन कैदियों को पिछले साल महामारी के मद्देनजर जमानत या पैरोल दी गई थी उन सभी को फिर वह सुविधा दी जाए। 

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की एक पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बनाई गई राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की उच्चाधिकार प्राप्त समितियों द्वारा पिछले साल मार्च में जिन कैदियों को जमानत की मंजूरी दी गई थी, उन सभी को समितियों द्वारा पुनर्विचार के बगैर पुन: वह राहत दी जाए, जिससे विलंब से बचा जा सके।

 हरियाणा के बिजली जेल मंत्री रंजीत सिंह के अनुसार जिन कैदियों ने एक पैरोल या एक फरलो शांतिपूर्ण व्यतीत कर समय पर जेल में वापसी की थी उन्हें विशेष पैरोल मिलेगी। जिन कैदियों की आयु 65 वर्ष से अधिक है, एक से अधिक केसों में संलिप्त नहीं हैं और अधिक मात्रा में मादक पदार्थ के केस या धारा 379 बी, पॉक्सो एक्ट, बलात्कार, एसिड अटैक जैसे मामले में सजायाफ्ता नहीं हैं, उन्हें भी अच्छे आचरण के आधार पर छह सप्ताह की विशेष पैरोल दी जाएगी। इसमें विदेशी कैदियों को शामिल नहीं किया गया है।

जो हवालाती बंदी अधिकतम सात वर्ष तक की सजा वाले अपराध में जेल में बंद हैं तथा उन पर कोई अन्य केस न्यायालय में लंबित नहीं है। उन हवालाती बन्दियों के विरुद्ध एक से अधिक केस भी लंबित है, परन्तु उन मामलों में अधिकतम 7 वर्ष से अधिक की सजा नहीं बनती तथा जिनका जेल में आचरण अच्छा है, उनके बारे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश व हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजन गुप्ता तथा हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की हाई पावर्ड कमेटी जो निर्णय करेगी वही होगा।

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