भिवानी : चिकित्सक के खिलाफ केस दर्ज होने पर शव लेने को हुए सहमत

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भिवानी : चिकित्सक के खिलाफ केस दर्ज होने पर शव लेने को हुए सहमत

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13 वर्षीय बच्चे हितेश की 3 जनवरी को अस्पताल में डॉक्टर के लापरवाही के कारण हुई मौत मामले में सिविल अस्पताल में परिजन में सामाजिक संगठनों का कल शाम से चला धरना आज दोपहर बाद प्रशासन व इस मामले में गठित कमेटी की बातचीत के बाद समाप्त हो गया है। इस मामले में डॉक्टर पर बीएनएस के विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। परिजनों ने बच्चों के शव को लेकर दाह संस्कार कर दिया है। शव का अंतिम संस्कार होने के बाद ही पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।

गौरतलब है कि 13 वर्षीय हितेश जो आजाद नगर हिसार का रहने वाला था हालुवास में अपने मामा के यहां अपने परिवार के साथ आया हुआ था। 3 जनवरी को उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसके परिवार वालों ने उसे एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। परिजनों के अनुसार डॉक्टर के लापरवाही के चलते उसकी मौत हो गई थी, जिस कारण परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद लाश को लेने से इनकार कर दिया और जब तक आरोपी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं होगी तब तक अनिश्चितकालीन धरना सिविल अस्पताल भिवानी में शुरू कर दिया था। इस दौरान प्रशासन ने मामले को सुलझाने का प्रयास किया,लेकिन पीडि़त परिवार आरोपी चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने तक शव लेने से इंकार कर दिया। प्रशासन के बातचीत के लिए एक 11 सदस्य कमेटी एडवोकेट सुनीता गोलपुरिया की अध्यक्षता में बनाई गई थी जिसमें कुलदीप भुक्कल, महावीर बरार, मानसिंह, इशू सरोहा, एडवोकेट सुनील पवार, मुकेश, सतीश, आशा, सुरेश, मनोज, परवीन को शामिल किया गया था। कमेटी ने प्रशासन के साथ मीटिंग की जिसमें डीएसपी आर्यन चौधरी डॉ बलवान सिंह व प्रशासन के अनेक अधिकारी शामिल थे। कमेटी व प्रशासन के बीच सफल बातचीत के बाद कमेटी ने अपना धरना समाप्त कर लिया व परिजनों ने शव लेकर हितेश का अंतिम संस्कार कर दिया। 

परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि बच्चे को केवल एक दिन ही बुखार आया था। उसके बाद अस्पताल ले आए और आते ही चिकित्सक ने भर्ती कर लिया। सुबह भर्ती किया था। शाम को बच्चे की मौत हो गई। इस दौरान उनकी चिकित्सक से कई बार मुलाकात हुई और चिकित्सक ने कहा कि अब ठीक है। उसने एक बार भी नहीं बताया कि हालत ज्यादा खराब है। अगर ज्यादा खराब हालात थे तो उसको रेफर किया जाना चाहिए था। शाम के वक्त निधन होने के बाद चिकित्सक ने शव उठाने के लिए दबाव बनाया। पीडितों को धक्के भी मारे। उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया। जिस दिन घटना घटी, उस दिन शाम को ही जबरदस्त धुंध थी। धुंध में ही शव को वहां लेने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने बताया कि इस बारे में सिविल लाइन थाने में शिकायत की तो उसने भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की,जबकि चिकित्सक के खिलाफ लापरवाही बरतने की कार्रवाई की जानी चाहिए थी।

बच्चों के इलाज के दौरान हुई मेडिकल नेगलिजेंसी की जांच के लिए डॉक्टर रीटा की अध्यक्षता में एक नेगलिजेंसी कमेटी का गठन किया गया है जो मंगलवार को मीटिंग करके इस मामले की जांच करेगी। जांच पड़ताल के बाद अगर मामले में ओर अतिरिक्त धाराए बनती है तो वे जुड़वाई जाएगी। कमेटी की प्रधान सुनीता गोलपुरिया ने कहा है आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है हितेश को न्याय मिलने तक संघर्ष रहेगा जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी लड़ाई जारी जाएगी प्रशासन ने इस मामले में कोई कोताही बरती तो दोबारा से आंदोलन किया जाएगा।

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