भिवानी : फर्जी पुलिस वाला बनकर करता था ठगी; ऑनलाइन FIR से लेता था नंबर
हरियाणा में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ऑनलाइन रुपये ट्रांसफार्मर कराने के मामले में साइबर क्राइम पुलिस थाना भिवानी ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी गुमशुदा लोगों और बच्चों के परिजनों को फोन कर उन्हें मिलवाने का झांसा देकर उनसे ऑनलाइन रुपये भेजने की डिमांड करता था। वहीं पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी बरवाला, हिसार, दादरी, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फतेहाबाद, फरीदाबाद, हांसी, रेवड़ी व सिरसा की ऑनलाइन एफआईआर डाउनलोड कर धोखाधड़ी करता था।
साइबर क्राइम पुलिस थाना भिवानी के प्रबंधक विकास कुमार ने बताया कि भिवानी निवासी एक व्यक्ति ने थाना शहर पुलिस को शिकायत दी थी। जिसमें शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया था कि 13 नवंबर को उनकी लड़की बिना बताए घर से चली गई थी। इस संबंध में शहर पुलिस थाना में केस दर्ज हुआ था। वहीं शिकायतकर्ता को 15 नवंबर को उनके मोबाइल फोन पर एक कॉल आई थी फोन करने वाले ने खुद को थाना शहर भिवानी का पुलिस कर्मचारी बताते हुए बताया कि आपकी लड़की दिल्ली में मिल गई है, जिसे दिल्ली से लाने में 10,000 रुपये का खर्चा लगेगा वहीं आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता से 4,000 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए थे।
इस बारे में शिकायतकर्ता ने जब थाना शहर भिवानी में जाकर पता किया तो थाना शहर भिवानी में उपरोक्त काल पर फर्जी पुलिस कर्मचारियों के द्वारा बताए गए नाम से कोई भी पुलिस कर्मचारी थाना शहर भिवानी में तैनात नहीं मिला। इस संबंध में साइबर क्राइम पुलिस थाना में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था। साइबर क्राइम पुलिस की टीम के इंचार्ज सहायक उप निरीक्षक विजय कुमार ने जिला टीकमगढ़ मध्य प्रदेश से एक आरोपी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान कमलेश निवासी उदयपुरा, तहसील लिधोरा, जिला टीकमगढ़, मध्य प्रदेश के रूप में हुई है।
पुलिस टीम द्वारा आरोपी से गहनता से पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया कि आरोपी उसका साथी राहुल के कहने पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग जिलों की गुमशुदा की दर्ज हुई ऑनलाइन एफआईआर की प्रति को डाउनलोड करता था और अगले दिन धोखाधड़ी के लिए उन्हें राहुल को दिया करता था। आरोपी डाउनलोड की गई एफआईआर से शिकायतकर्ता का नाम व मोबाइल नंबर हासिल कर उनके परिवारजनों को बरामदगी की झूठी सूचना फर्जी पुलिस अधिकारी बन कर देता था और इसके बदले में गुम हुए व्यक्ति व बच्चों के परिजनों से ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर करवाता था। आरोपी राहुल द्वारा परिजनों को फोन करने के दौरान पीछे से आरोपी कमलेश कभी पुलिस का सायरन बजाता था वहीं कभी बच्चों की आवाज भी निकलता था। आरोपी कमलेश को अपने इस कार्य के लिए आरोपी राहुल से 10,000 रुपये प्रति माह मिलते थे।
पुलिस टीम द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में आरोपी कमलेश से बरामद हुए मोबाइल फोन में जिला भिवानी, बरवाला, हिसार, दादरी, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फतेहाबाद, फरीदाबाद, हांसी, रेवड़ी व सिरसा जिलों की डाउनलोड की गई एफआईआर कॉपी की प्रति मिली हैं। वहीं पुलिस ने आरोपी से मोबाइल फोन से उत्तर प्रदेश में दर्ज 112 केस के स्क्रीनशॉट पाए गए हैं। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जिला कारागार भेजने के आदेश हुए हैं। वहीं इस मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किए जाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
साइबर क्राइम पुलिस थाना भिवानी के प्रबंधक विकास कुमार ने बताया कि भिवानी निवासी एक व्यक्ति ने थाना शहर पुलिस को शिकायत दी थी। जिसमें शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया था कि 13 नवंबर को उनकी लड़की बिना बताए घर से चली गई थी। इस संबंध में शहर पुलिस थाना में केस दर्ज हुआ था। वहीं शिकायतकर्ता को 15 नवंबर को उनके मोबाइल फोन पर एक कॉल आई थी फोन करने वाले ने खुद को थाना शहर भिवानी का पुलिस कर्मचारी बताते हुए बताया कि आपकी लड़की दिल्ली में मिल गई है, जिसे दिल्ली से लाने में 10,000 रुपये का खर्चा लगेगा वहीं आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता से 4,000 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए थे।
इस बारे में शिकायतकर्ता ने जब थाना शहर भिवानी में जाकर पता किया तो थाना शहर भिवानी में उपरोक्त काल पर फर्जी पुलिस कर्मचारियों के द्वारा बताए गए नाम से कोई भी पुलिस कर्मचारी थाना शहर भिवानी में तैनात नहीं मिला। इस संबंध में साइबर क्राइम पुलिस थाना में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था। साइबर क्राइम पुलिस की टीम के इंचार्ज सहायक उप निरीक्षक विजय कुमार ने जिला टीकमगढ़ मध्य प्रदेश से एक आरोपी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान कमलेश निवासी उदयपुरा, तहसील लिधोरा, जिला टीकमगढ़, मध्य प्रदेश के रूप में हुई है।
पुलिस टीम द्वारा आरोपी से गहनता से पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया कि आरोपी उसका साथी राहुल के कहने पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग जिलों की गुमशुदा की दर्ज हुई ऑनलाइन एफआईआर की प्रति को डाउनलोड करता था और अगले दिन धोखाधड़ी के लिए उन्हें राहुल को दिया करता था। आरोपी डाउनलोड की गई एफआईआर से शिकायतकर्ता का नाम व मोबाइल नंबर हासिल कर उनके परिवारजनों को बरामदगी की झूठी सूचना फर्जी पुलिस अधिकारी बन कर देता था और इसके बदले में गुम हुए व्यक्ति व बच्चों के परिजनों से ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर करवाता था। आरोपी राहुल द्वारा परिजनों को फोन करने के दौरान पीछे से आरोपी कमलेश कभी पुलिस का सायरन बजाता था वहीं कभी बच्चों की आवाज भी निकलता था। आरोपी कमलेश को अपने इस कार्य के लिए आरोपी राहुल से 10,000 रुपये प्रति माह मिलते थे।
पुलिस टीम द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में आरोपी कमलेश से बरामद हुए मोबाइल फोन में जिला भिवानी, बरवाला, हिसार, दादरी, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फतेहाबाद, फरीदाबाद, हांसी, रेवड़ी व सिरसा जिलों की डाउनलोड की गई एफआईआर कॉपी की प्रति मिली हैं। वहीं पुलिस ने आरोपी से मोबाइल फोन से उत्तर प्रदेश में दर्ज 112 केस के स्क्रीनशॉट पाए गए हैं। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जिला कारागार भेजने के आदेश हुए हैं। वहीं इस मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किए जाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।