भिवानी : एचएसवीपी कार्यालय को सील करने पहुंची हाई कोर्ट की टीम, कर्मचारियों में मचा हड़कंप
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण संपदा अधिकारी कार्यालय भिवानी को सील करने के लिए मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से टीम भिवानी पहुंची। टीम ने न्यायालय के आदेशानुसार सरकारी कार्यालय को सील करने की प्रक्रिया शुरू की। इसको लेकर कार्यालय में मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने टीम और मामले के शिकायत कर्ता ने मिन्नते की और कहा कि वे उनकी समस्या का समाधान कर देंगे। मामला भिवानी निवासी एक व्यक्ति को पिछले 35 सालों से मकान का कब्जा नहीं दिए जाने से जुड़ा था। जबकि छह साल पहले न्यायालय भी इसका फैसला पीड़ित के हक में दे चुका था। मंगलवार को दिनभर एचएसवीपी कार्यालय को सील करने की प्रक्रिया शुरू होते ही अधिकारियों के हाथ पांव भी फूल गए। ऐसे में यहां के अधिकारियों ने अपने मुख्यालय के अधिकारियों से बातचीत कर मंगलवार ही पीड़ित को दुकान का कब्जा दिलाने की कार्रवाई शुरू किए जाने के लिए अधिकारी जुट गए। शाम तक पीड़ित को कब्जा दिलवाया, जिसके बाद कार्यालय सील नहीं किया गया।
शिकायत कर्ता अनिल ने बताया कि उसने वर्ष 1989 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से अनाज मंडी के पीछे प्लाट लिया था। लेकिन हुडा ने उसके कब्जा नहीं दिलवाया। उसने कई दिनों तक हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण कार्यालय के चक्कर भी काटे नहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में उसने जिला न्यायालय में केस डाल दिया। वह केस जीत गया, लेकिन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में पेश कर दिया। इसमें भी वह जीत गया। इसके बाद भी उसे कब्जा नहीं दिया गया। करीब छह साल पहले न्यायालय ने आदेश पारित कर उसे तत्काल कब्जा करवाने को कहा गया। लेकिन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में अधिवक्ताओं की अपील है हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण संपता अधिकारी कार्यालय भिवानी के कर्मचारियों व अधिकारियों की पिछले सात माह से वेतन अटैच कर लिया गया। इसके बाद भी उन्हें कब्जा नहीं मिला। अब पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने टीम को आदेश दिए कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण संपदा अधिकारी कार्यालय भिवानी को सील कर दिया जाए। मंगलवार सुबह टीम मौके पर पहुंची और कार्यालय को सील करने की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद कार्यालय के अधिकारियों ने अपने मुख्यालय में बातचीत की और शाम करीब चार बजे पीड़ित को कब्जा दिलवाया। इसके बाद टीम वापस लौटी। इस दौरान एडवोकेट विकल गार्गी, एडवोकेट मीना शर्मा, एडवोकेट नरेंद्र पंघाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
शिकायत कर्ता अनिल ने बताया कि उसने वर्ष 1989 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से अनाज मंडी के पीछे प्लाट लिया था। लेकिन हुडा ने उसके कब्जा नहीं दिलवाया। उसने कई दिनों तक हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण कार्यालय के चक्कर भी काटे नहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में उसने जिला न्यायालय में केस डाल दिया। वह केस जीत गया, लेकिन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में पेश कर दिया। इसमें भी वह जीत गया। इसके बाद भी उसे कब्जा नहीं दिया गया। करीब छह साल पहले न्यायालय ने आदेश पारित कर उसे तत्काल कब्जा करवाने को कहा गया। लेकिन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में अधिवक्ताओं की अपील है हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण संपता अधिकारी कार्यालय भिवानी के कर्मचारियों व अधिकारियों की पिछले सात माह से वेतन अटैच कर लिया गया। इसके बाद भी उन्हें कब्जा नहीं मिला। अब पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने टीम को आदेश दिए कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण संपदा अधिकारी कार्यालय भिवानी को सील कर दिया जाए। मंगलवार सुबह टीम मौके पर पहुंची और कार्यालय को सील करने की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद कार्यालय के अधिकारियों ने अपने मुख्यालय में बातचीत की और शाम करीब चार बजे पीड़ित को कब्जा दिलवाया। इसके बाद टीम वापस लौटी। इस दौरान एडवोकेट विकल गार्गी, एडवोकेट मीना शर्मा, एडवोकेट नरेंद्र पंघाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।