चंडीगढ़ : उपभोक्ता आयोग ने जस्ट डायल पर लगाया 5 हजार का जुर्माना; कस्टमर को लौटने होंगे पैसे
चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता आयोग ने जस्ट डायल लिमिटेड कंपनी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी मानते हुए कंपनी को पंचकूला निवासी कमल राठी को 7,080 रुपए 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया है। आयोग ने शिकायतकर्ता को मानसिक प्रताड़ना और केस खर्च के तौर पर 5 हजार रुपए का अतिरिक्त मुआवजा देने का आदेश दिया है।
शिकायतकर्ता कमल राठी ने 14 अक्तूबर 2023 को जस्ट डायल लिमिटेड से एक विज्ञापन प्लान लिया था, जिसके लिए उन्होंने 28,320 रुपए का भुगतान किया। इसमें से 4,720 रुपए गूगल पे के माध्यम से एडवांस के रूप में दिए गए थे और 10 नवंबर 2023 को 2,360 रुपए की किस्त के तौर पर अदा किए गए थे। शिकायतकर्ता का आरोप था कि कंपनी के प्रतिनिधि ने टीम लीडर के रूप में खुद को पेश करते हुए अच्छी सेवाएं प्रदान करने का वादा किया था, लेकिन कंपनी अपने वादे पूरे करने में असफल रही।
कमल राठी ने 10 नवंबर को कंपनी के प्रतिनिधि दीप कुमार को सेवाओं में कमी की शिकायत की, लेकिन दीप कुमार ने अपने बाहर होने का बहाना बनाते हुए कोई सहायता नहीं की। इसके बाद शिकायतकर्ता ने 13 नवंबर को जस्ट डायल की वेबसाइट और कस्टमर केयर से संपर्क किया, लेकिन कोई संतोषजनक हल नहीं निकला। कंपनी ने शिकायत को बिना समाधान के ही बंद कर दिया, जिसके बाद राठी ने जिला उपभोक्ता आयोग में कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी ने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि उनके प्रतिनिधि ने विज्ञापन पैकेज के तहत जो सेवाएं देने का वादा किया था, वह शिकायतकर्ता द्वारा चुनी गई सेवाओं का हिस्सा नहीं थीं। आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलों और साक्ष्यों को सुनने के बाद यह पाया कि कंपनी सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए जिम्मेदार है। इस आधार पर आयोग ने कंपनी को शिकायतकर्ता को 7,080 रुपए 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लौटाने और मानसिक प्रताड़ना के लिए 5 हजार रुपए जुर्माने का आदेश दिया।
शिकायतकर्ता कमल राठी ने 14 अक्तूबर 2023 को जस्ट डायल लिमिटेड से एक विज्ञापन प्लान लिया था, जिसके लिए उन्होंने 28,320 रुपए का भुगतान किया। इसमें से 4,720 रुपए गूगल पे के माध्यम से एडवांस के रूप में दिए गए थे और 10 नवंबर 2023 को 2,360 रुपए की किस्त के तौर पर अदा किए गए थे। शिकायतकर्ता का आरोप था कि कंपनी के प्रतिनिधि ने टीम लीडर के रूप में खुद को पेश करते हुए अच्छी सेवाएं प्रदान करने का वादा किया था, लेकिन कंपनी अपने वादे पूरे करने में असफल रही।
कमल राठी ने 10 नवंबर को कंपनी के प्रतिनिधि दीप कुमार को सेवाओं में कमी की शिकायत की, लेकिन दीप कुमार ने अपने बाहर होने का बहाना बनाते हुए कोई सहायता नहीं की। इसके बाद शिकायतकर्ता ने 13 नवंबर को जस्ट डायल की वेबसाइट और कस्टमर केयर से संपर्क किया, लेकिन कोई संतोषजनक हल नहीं निकला। कंपनी ने शिकायत को बिना समाधान के ही बंद कर दिया, जिसके बाद राठी ने जिला उपभोक्ता आयोग में कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी ने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि उनके प्रतिनिधि ने विज्ञापन पैकेज के तहत जो सेवाएं देने का वादा किया था, वह शिकायतकर्ता द्वारा चुनी गई सेवाओं का हिस्सा नहीं थीं। आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलों और साक्ष्यों को सुनने के बाद यह पाया कि कंपनी सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए जिम्मेदार है। इस आधार पर आयोग ने कंपनी को शिकायतकर्ता को 7,080 रुपए 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लौटाने और मानसिक प्रताड़ना के लिए 5 हजार रुपए जुर्माने का आदेश दिया।