लंपी वायरस से देशभर की 58 हजार से ज्यादा गायों की मौत, 16 राज्यों में ......

  1. Home
  2. HARYANA

लंपी वायरस से देशभर की 58 हजार से ज्यादा गायों की मौत, 16 राज्यों में ......

लंपी वायरस से देशभर की 58 हजार से ज्यादा गायों की मौत, 16 राज्यों में ......


(K9 Media) 

लंपी वायरस से देश के 16 राज्यों के मवेशी संक्रमित हैं. इससे 58 हजार से ज्यादा गायों की मौत हो गई. दिल्ली में भी इसके 150 से ज्यादा मामले मिले हैं.लंपी वायरस (Lumpy Virus) ने देशभर में 58 हजार से ज्यादा गायों (Cows) की जान ले ली है. राजधानी दिल्ली (Delhi) में भी इस वायरस से संक्रमण के 173 मामले दर्ज किए गए. अभी तक इसके 12 राज्यों में फैले होने की बात कही जा रही थी, अब केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला (Parshottam Rupala) ने कहा है कि 16 राज्यों में बीमारी दस्तक दे रही है. राजस्थान (Rajasthan) लंपी वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. कहा जा रहा है कि यहां मवेशियों के शव दफनाने की जगह कम पड़ गई है. 

केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि बीमारी से निपटने के लिए सभी राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाने के लिए दिल्ली में कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है. इसके जरिये अधिकारी राज्य के अधिकारियों के साथ सलाह-मशविरा कर रहे हैं. सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाने की कोशिशों को लेकर इसके निर्माता से बातचीत की गई है. रूपाला ने कहा कि राजस्थान का हाल जानने के लिए वह भी वहां गए थे और प्रदेश सरकार का पूरा सहयोग किया जा रहा है. 

दूध संकट पर यह बोले केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने जानकारी दी कि दूध का सबसे ज्यादा संकलन गुजरात से होता है. वहां लंपी वायरस लगभग शांत होने की स्थिति में आ गया है. उन्होंने कहा कि उनकी अमूल से बात हुई, जहां से जवाब मिला है कि वहां उनके दूध के कलेक्शन पर कोई संकट नहीं है.

क्या है बीमारी और उपचार

लंपी वायरस मवेशियों को होने वाली एक संक्रामक बीमारी है. इसे कैपरी पॉक्स वायरस भी कहते हैं. मच्छर, मक्खियां, जूं और ततैया आदि कीट इस बीमारी के रोगवाहक के रूप में काम करते हैं. यह भी कहा जा रहा है कि दूषित भोजन-पानी के सेवन से भी लंपी वायरस का संक्रमण फैलता है. इस वायरस से संक्रमित पशुओं की खाल पर गाठें पड़ जाती हैं फिर उनमें घाव हो जाते हैं. मवेशियों को बुखार आना, नाक बहना, अधिक लार बहना और आंख आना इसके अन्य लक्षण हैं. यह बीमारी जानलेवा साबित हो रही है.

इस बीमारी का कोई विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है लेकिन गोट पॉक्स वैक्सीन इसके निदान के रूप में इस्तेमाल की जा रही है. वैक्सीन की डोज पशुओं में संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करती है. इसके अलावा संक्रमित मवेशियों को पृथक रखने के लिए कहा जाता है. 

Around The Web

Uttar Pradesh

National