Kurukshetra: धर्मनगरी में मां के जयकारे गूंजते रहे

(K9 Media) नवरात्र के दूसरे दिन श्रद्धालुओं में उत्साह रहा। धर्मनगरी में मां के जयकारे गूंजते रहे। मां भद्रकाली को मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप मानकर पीले फूल चढ़ाए गए। मंदिरों में पूजा अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। शहर में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन देवीकूप मां भद्रकाली मंदिर में किया गया। यहां भक्तों ने मां भद्रकाली को ब्रह्मचारिणी स्वरूप मानकर पूजा अर्चना की। इस मौके पर 505 ज्योति के साथ मां की आरती की गई।मुख्य पुजारिन शिमला देवी ने मां भद्रकाली को पंचामृत से स्नान कराया, इसके बाद रोली, अक्षत, चंदन आदि अर्पित किया । सुबह छह बजे मंगला आरती की गई । मां भद्रकाली को मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप मानकर पीले फूल , गुड़हल और कमल का फूल चढ़ाया । देवी मां ब्रह्मचारिणी को भोग में चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग लगाया गया व दूध और दूध से बनी केसरिया मिठाई, केला आदि फल भी अर्पित की गई। मंगला आरती के मुख्य अतिथि विपुल बंसल उपस्थित रहे । नवरात्रि अन्नपूर्णा भंडारा सुबह नौ बजे श्री सतपाल गोयल द्वारा दिया गया, जिसमें भक्तजन हलवा , पूरी, चने ,कड़ी , पेठा, आलू ईत्यादि का आनंद लेते दिखाई दिए ।दोपहर 12 बजे के नवरात्रि अन्नपूर्णा भंडारे में महेंद्र, श्रीराम, रमेश कुमार वासी करनाल मुख्य यजमान रहे। हजारों की संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया । शाम तीन बजे की भजन संध्या अशोक कौशिक हरियाणवी (साम्भली ) द्वारा आयोजित की ,जिसमें मां के लाडले भक्त मां की मस्ती में झूमते दिखाई दिए। हनुमान जी तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार, है महावीर कल्याण करो, श्री राम जानकी बैठे है मेरे सीने में इत्यादि भजन भी सुनाए गए। भजन संध्या और महाआरती में मुख्य अतिथि देवेंद्र गर्ग हाबड़ी वाले रहे ।
नवरात्र में विशेष तौर से की जाने वाली 505 ज्योत महाआरती में नवदुर्गा और भारत माता का स्वरूप लिए बच्चों का भी पूजन किया गया। महाआरती से पहले देवीकूप पर मुख्य अतिथि देवेंद्र गर्ग द्वारा कन्या श्लोका पंडित का कुमकुम ,चंदन ,शहद ,दही दूध ,गुलाब जल, गंगाजल , पुष्प एवं मां की लाल चुनरी द्वारा पूजन किया गया तथा फल भेंट किए ।
रात्रि संध्या आरती में कुरुक्षेत्र नगर के डी सी श्री शांतनु शर्मा व एसपी सुरेंद्र सिंह भोरिया परिवार सहित मां के दरबार में पहुंचे, जहां उपायुक्त ने कहा पूरा क्षेत्र की मां के रंग में रंग गया है। श्रद्धालुओं में जोरदार उत्साह बना हुआ है। एसपी ने हर घर से माँ भद्रकाली के सेवक ही निकल रहे हैं। इस मौके पर शिमला देवी, निकुंज शर्मा, हेमराज शर्मा, शकुंतला देवी, धर्मपाल गोयल , संजीव मित्तल , कृष्ण माटा , देवेंद्र गर्ग हाबड़ी , आशीष दीक्षित, राहुल इत्यादि सेवक मौजूद रहे।पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा का कहना है कि ब्रह्मचारिणी में ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ आचरण से है । इन्होंने अपने जीवन में भगवान महादेव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इनका स्वरूप श्वेत वस्त्र में लिपटी हुई कन्या के रूप में है, जिनके एक हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे में कमंडल है। मां की पूजा करने से ज्ञान की वृद्धि होती है । मां का स्मरण करने से एकाग्रता एवं स्थिरता आती है।