Kurukshetra: मारकंडा नदी के पानी से फसलें जलमग्न, किसान ......

(K9 Media) पिछले चार दिनों से मारकंडा नदी उफान पर है। नदी के पानी आसपास के खेत हीं नहीं गांवों में भी मार की है। कठवा, तंगौर व कलसाना गांव तक पानी पहुंच गया है, जहां खेत से लेकर सड़कें भी पानी में डूबी है। बच्चे स्कूल नहीं जा सके तो लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दर्जन भर गांवों के लोगों में भी भय बना है। मंगलवार सायं तक नदी में 22 हजार 550 क्यूसेक तक पहुंच गया था। ये पानी अनेक गांवों को जलमग्न करता हुआ खेतों में घुस गया और फसलों को भारी नुकसान होने लगा है। बरसात के कारण खेत पहले ही लबालब ,हैं जिनसे फसलें खराब हो रही हैं । गेज रीडर रविंद्र कुमार ने बताया कि मारकंडा नदी में मुलाना नदी से पानी आता है। यहां पर मारकंडा नदी, रून नदी, वेघना नदी व साढौरा नदी आपस में मिलती हैं, जिस कारण पानी भारी मात्रा में एकत्रित हो जाता है, जिसे सुरक्षा की दृष्टि से आगे निकाला जाता है और यह पानी शाहाबाद की मारकंडा नदी में पहुंचता है। यह बाढ़ का पानी निकटवर्ती गांव कलसाना, मलिकपुर, गुमटी, कठवा, मुगलमाजरा आदि तक पहुंचा है,अक्सर इन गांवों की फसलों को नुकसान पहुंचाता है।
यहीं नहीं गांव अरुप नगर, गुमटी, दयाल नगर, मुगलमाजरा, मदनपुर व मोहनपुर आदि गांवों के अलावा अनेक डेरे भी बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। गेड रीडर कुमार का कहना है कि जब भी मारकंडा नदी में ज्यादा पानी आता है तब ही कालोनी वासियों को इस की मार सहनी पड़ती है। मारकंडा नदी के साथ लगते खेतों एवं गांवों में पानी सड़कों पर बह रहा है और इन खेतों में फसल पूरी तरह से पानी में डूब चुकी है।
इस तरह बढ़ा जलस्तर
गेज रीडर रविंद्र कुमार के मुताबिक सोमवार दोपहर तक मारकंडा का जलस्तर 16 हजार क्यूसिेक तक पहुंच चुका था। मंगलवार दोपहर तक जलस्तर 19 हजार 633 तक पहुंच गया था, जो कि देर सायं बढ़कर 22 हजार 550 क्यूसेक तक पहुंच गया। मारकंडा नदी का पानी झांसा से एसवाईएल नहर में भी डाला गया है और पानी के आसपास गड्ढों, तालाबों, खेतों इत्यादि में फैल जाने के कारण इस समय मारकंडा नदी में 10 हजार 843 क्यूसेक पानी बह रहा है।