Panipat: Pushpa लाल चंदन, करीब सात करोड़ के 5 फीट लंबे और 2 फीट चौड़े थे

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Panipat: Pushpa लाल चंदन, करीब सात करोड़ के 5 फीट लंबे और 2 फीट चौड़े थे

Panipat: Pushpa लाल चंदन, करीब सात करोड़ के 5 फीट लंबे और 2 फीट चौड़े थे


(K9 Media) पानीपत। जीटी रोड स्थित झट्टीपुर गांव के पास आईसीडी यार्ड पर दो कंटेनरों में पकड़े गए करीब 212 लट्ठे चंदन के बताए जा रहे हैं। इनका बाजार मूल्य करीब सात करोड़ आंका जा रहा है। लाल चंदन के ये लट्ठ करीब पांच से छह फीट लंबे और एक से दो फीट तक चौड़े हैं। कंटेनर में चंदन के लट्ठे आवाज न करें, इसलिए इनके नीचे, ऊपर और बीच में बालू और रेत डाली गई थी। इनको छिपाने के लिए हैंडलूम के गत्ते लगाए गए थे। इन्हें समुद्री जहाज के रास्ते विदेश भेजा जाना था।

सूत्रों के मुताबिक पानीपत टेक्सटाइल सिटी होने के चलते इस कंटेनर की बिलिंग हैंडलूम के सामान के रूप में गई थी। यार्ड पर कंटेनरों में लाए गए सामान की चेकिंग के दौरान चंदन की तस्करी पकड़ में आई। पकड़े गए माल को दिल्ली कस्टम के अधिकारियों ने सीज कर दिया है। यार्ड में जहां चंदन जहां पहले रखा गया था, अब वहां से इसे हटाकर सुरक्षित स्थान पर रखे जाने की बात कही जा रही है। सूत्रों की मानें तो चंदन से भरे ये कंटेनर इस यार्ड से किसी पोर्ट के जरिये समुद्री जहाज में लोड करवाकर विदेश भेजने की तैयारी की जा रही थी।

चंदन तस्करी का भंडा फूटने के बाद से ही यार्ड के कर्मचारियों, अधिकारियों समेत कस्टम दिल्ली के अधिकारियों में भी हड़कंप मचा है। लगातार दो दिन से कस्टम दिल्ली की टीम यार्ड में ही डटी है। जो लगातार चंडीगढ़ और दिल्ली मुख्यालय से संपर्क में है। दूसरी ओर, इस मामले को अब तक पूरी तरह गुप्त रखा जा रहा है। बृहस्पतिवार को यार्ड में मीडिया की एंट्री बैन कर दी गई। साथ ही किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के यार्ड में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। सिर्फ कस्टम के अधिकारियों और कर्मचारियों समेत यार्ड के कर्मचारियों को ही पहचान पत्र देखने के बाद प्रवेश दिया जा रहा है। कस्टम ने बृहस्पतिवार को मामले में अपना अधिकारिक पक्ष नहीं रखा।
कंपनी के एचआर ने सिर्फ इतना कहा कि यह मामला कस्टम से जुड़ा है। इसमें न तो उनकी कोई भूमिका है न ही इस बारे में वे कुछ बता सकते हैं।
यार्ड में कॉन्टिनेंटल वेयरहाउस का एक गोदाम है। कंपनी के इस यार्ड में रोजाना 150 के करीब कंटेनर आते-जाते हैं। यहीं इनके सामान की चेकिंग होती है, जिसके बाद इन कंटनेरों को ट्रेन में लोड करवा दिया जाता है। यही माल उतरवाने के बाद कंटेनरों के जरिये दूसरे प्रदेशों में भेजा जाता है। इस यार्ड पर हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और नागालैंड तक के कंटेनर आते हैं। जानकारों ने बताया कि चंदन की तस्करी इंडियन फॉरेन ट्रेड एक्ट के साथ इंडियन फारेस्ट एक्ट का भी उल्लघंन है। इस तस्करी से जीएसटी भी चोरी की जाती है। लाल चंदन मुख्य रूप से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में पाया जाता है। अब यह हरियाणा तक कैसे पहुंचा, इसकी जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि इससे पहले भी चंदन की तस्करी इसी प्रकार से की जाती रही है।

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