Rohtak: ड्रेन नंबर आठ फुल, किसान में ड्रेन टूटने का डर, 46 किलोमीटर .......

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Rohtak: ड्रेन नंबर आठ फुल, किसान में ड्रेन टूटने का डर, 46 किलोमीटर .......

Rohtak: ड्रेन नंबर आठ फुल, किसान में ड्रेन टूटने का डर, 46 किलोमीटर .......


(K9 Media) रोहतक, हाल ही में हुई बारिश के बाद ड्रेन नंबर आठ फुल चल रही है, इसमें पानी का बहाव भी तेज है। किसानों को भय है कि यदि ड्रेन की पटरी कहीं से टूटती है तो हालात बेकाबू होंगे। क्योंकि लगभग 46 किलोमीटर की ड्रेन में जगह-जगह पुलों में गंदगी फंसी है और 16 के करीब स्थानों पर ड्रेन की पटरी भी कमजोर है। तेज बहाव के चलते ड्रेन के आसपास के गांवों के किसानों में ड्रेन के टूटने की आशंका बनी हुई है। वहीं सिंचाई विभाग यह कह कर पल्ला झाड़ रहा है कि ड्रेन में अभी 1000 क्यूसेक पानी ही है जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 3250 क्यूसेक की है।

जिले के करीब दो दर्जन गांवों से गुजरने वाली ड्रेन नंबर आठ इन दिनों किसानों को भयभीत कर रही है। क्योंकि बारिश का पानी अभी खेतों से निकाला भी नहीं है और ड्रेन के टूटने का खतरा बना हुआ है। ड्रेन में आस-पास के क्षेत्र के खेतों में जलभराव के पानी को लगातार डाला जा रहा है। यही नहीं इसमें अन्य इलाकों से भी कई लिंक ड्रेन का पानी छोड़ा जा रहा है। किसानों का आरोप है कि ड्रेन की सफाई न होने के कारण इसमें गंदगी भरी है और पटरी कई जगह कमजोर है। पानी इसी मात्रा में यदि इसमें चला तो यह टूट सकती है।


वहीं सिंचाई विभाग का कहना है कि बारिश होने से पहले इसमें भिवानी ब्रांच नहर और काहनौर डिस्ट्रीब्यूटरी का पानी छोड़ा जा रहा था। बारिश शुरू होते ही इस पानी को बंद कर दिया था। फिलहाल कोई समस्या नहीं है। ड्रेन की क्षमता इसमें चल रहे पानी की तुलना में अधिक है। वहीं किसानों का कहना है कि सुंडाना, काहनौर, गढ़ी, बलम, मसूदपुर व अन्य गांवों में खेतों में चार-चार फीट पानी जमा है। काहनौर के पास पानी ड्रेन की पुलिया तक बह रहा है। वे अपने खेतों का पानी ड्रेन में निकालने से डर रहे हैं।
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मेरी जमीन ड्रेन से बिल्कुल सटी है। ड्रेन में बहुत ज्यादा पानी बह रहा है। आंवल गांव के पास ड्रेन की पटरी भी क्षतिग्रस्त हो गई है। आस-पास के लोग इसी बात को लेकर चिंतित हैं कि अगर ड्रेन टूट गई तो स्थिति बेकाबू हो जाएगी।
- राजबीर कादयान, किसान, गढ़ी गांव
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अधिकारी बोल रहे हैं कि ड्रेन में पानी क्षमता से तीन गुना कम बह रहा है। अगर ऐसा ही है तो फिर हमारे खेतों का पानी भी निकल जाता। अधिकारी बिल्कुल झूठ बोल रहे हैं। पानी की मात्रा बहुत ज्यादा है।

- प्रकाश, किसान, काहनौर गांव
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करीब तीन सप्ताह पहले सिंहपुरा में डूबे व्यक्ति की नहीं मिला सुराग
करीब तीन सप्ताह पहले सिंहपुरा गांव का एक बुजुर्ग ड्रेन नंबर आठ में पुल से गिर गया था। बहुअकबरपुर थाना प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि बुजुर्ग को ढूंढने के लिए दस दिन तक लगातार अभियान चलाया गया, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया। हालांकि इस दौरान गोताखोरों की भी मदद ली गई लेकिन ड्रेन में पानी का बहाव तेज होने के कारण दिक्कतें आती रही।
एडीसी महेंद्रपाल ने लिया जायजा
एडीसी महेंद्रपाल ने वीरवार को सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ ड्रेन नंबर आठ का जायजा लिया। उन्होंने सिंचाई विभाग के एक्सईएन रामनिवास और मनदीप गुलिया के साथ जल निकासी का जायजा लिया। वे सबसे पहले हिसार रोड पर निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को आवश्यकतानुसार अतिरिक्त पंप सेट लगाकर जलभराव को दूर करने के निर्देश दिए।
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दो दर्जन गांवों से होकर गुजरती है ड्रेन आठ
अधिकारियों के अनुसार ड्रेन आठ सोनीपत से निकलकर जिले के घिलौड़ गांव से प्रवेश करती है। सांघी, कटवाड़ा, खिड़वाली से होकर अंत में मसूदपुर तक पहुंच कर आगे झज्जर जिले की सीमा में प्रवेश करती है। इस दौरान जिले के करीब 25 गांवों के क्षेत्र से होकर गुजरना पड़ता है। नजदीक क्षेत्र में ड्रेन का हेड गोहाना के पास माहरा गांव में है। वहां से इसके दो हिस्से हो जाते हैं। एक ड्रेन माहरा से सोनीपत होकर यमुना नदी तक पहुंचती है। रोहतक के क्षेत्र से गुजरने वाली ड्रेन झज्जर की भिंडावास झील से रेवाड़ी, गुरुग्राम और फिर यमुना की तरफ चली जाती है।
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वर्जन -
ड्रेन नंबर आठ की सामान्य क्षमता 2500 क्यूसेक पानी की है। प्री बोर्ड के तहत क्षमता का 30 प्रतिशत बढ़ाकर अधिकतम क्षमता 3250 क्यूसेक की है। हाल में ड्रेन आठ में 1000 क्यूसेक पानी बह रहा है। अभी इससे कोई खतरा नहीं है।
- रामनिवास, एक्सईएन, ड्रेन नंबर आठ

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