पशु चिकित्सको को 2021 से नही मिल रहा एसीपी लाभ

  1. Home
  2. HARYANA

पशु चिकित्सको को 2021 से नही मिल रहा एसीपी लाभ

haryana


प्रदेश भर के पशु चिकित्सक एसीपी (निश्चित कैरियर वृद्धि) ना दिए जाने से खासे नाराज है। पशुपालन विभाग में कार्यरत डाक्टरों को पिछले कई सालों से एसीपी का फायदा नहीं दिया जा रहा है। विभाग में कार्यरत कुछ पशु चिकित्सक सेवानिवृत भी हो चुके हैं, लेकिन उनको एसीपी का लाभ नहीं दिया गया। 


 हरियाणा स्टेट वेटरनरी एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डा. जगबीर ढांडा और सचिव  डा. विजय कादयान ने बताया गया कि पशुपालन विभाग में सेवा के दौरान पशु चिकित्सकों को तीन एसीपी दिए जाने का प्रावधान है। प्रथम एसीपी पांच वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण होने के पश्चात तथा दूसरी और तीसरी एसीपी क्रमश: 11 और 17 वर्ष  की सेवा पूरी होने के बाद दी जाती है। पशुपालन विभाग में जो पशु चिकित्सक 2018 में भर्ती हुए थे, उनको प्रथम एसीपी 2023 से देय है। वर्ष 2010 और 2012 में भर्ती हुए पशु चिकित्सकों की द्वितीय एसीपी क्रमश: 2021 और 2023 में दी जानी चाहिए थी तथा वर्ष 2004  और 2007 में भर्ती हुए पशु चिकित्सकों को तीसरी एसीपी का लाभ 2021 और 2024 से लंबित है। 


 एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि पशुपालन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का सर्विस डाटा अभी तक एचआरएमएस के तहत ऑनलाइन नहीं किया गया है जिसके बारे में चीफ सेक्रेटरी हरियाणा सरकार की सख्त हिदायतें थी। इसी वजह से प्रदेश में कार्यरत लगभग सभी पशुचिकित्सक एसीपी के लाभ से वंचित हैं। लंबित एसीपी को लेकर एसोसिएशन ने कई बार मुख्यालय में उच्चस्थ अधिकारियों से गुहार लगाई और लिखित में पत्राचार किया, लेकिन अभी तक संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। जिससे पशु चिकित्सको में निराशा का माहौल है। 


 विभाग के आला अधिकारियों की उदासीन एवं टरकाऊ रवैये के चलते पशु चिकित्सक सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हुए हैं और हरियाणा स्टेट वेटरनरी एसोसिएशन के आह्वान पर ड्यूटी के दौरान जल्द ही सभी डॉक्टर काली पट्टी लगा कर विरोध जताएंगे एव जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन देंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा स्टेट वेटरनरी एसोसिएशन की कार्यकारिणी सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही अपनी लंबित मांगों के लिए पशुपालन मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलेगा। अगर पशु चिकित्सकों की जायज मांगों पर विभाग के आला अधिकारियों ने संज्ञान नहीं लिया गया तो प्रदेश भर में  पशुचिकित्सक संघर्ष का रास्ता अपनाने को मजबूर होगे।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Around The Web

Uttar Pradesh

National