Braham Muhurat Shalokas: ये चमत्कारी श्लोक बना देंगे स्वर्ग से भी सुंदर आपका जीवन, जानिए कब पढ़ें और कौन से हैं ये
संस्कृत भाषा में लिखे गए ये श्लोक सफलता, बुद्धि और कल्याण का माध्यम हैं. आइए आपको ये श्लोक और इनका अर्थ सरल भाषा में समझाते हैं.
1.
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्वमे ॥1.
हे धरती मां, आपके पास वस्त्र के रूप में समुद्र है और पर्वत आपके पयोधर है. हे भगवान विष्णु की पत्नी, आपको नमस्कार. कृपया मेरे चरणों द्वारा आपको होने वाले स्पर्श के लिए क्षमा करें.
2.
कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविन्द: प्रभाते करदर्शनम्॥
'हथेली के सबसे आगे वाले भाग में लक्ष्मीजी, बीच में सरस्वती और मूल भाग में ब्रह्माजी निवास करते हैं. इसलिए सुबह दोनों हथेलियों के दर्शन करें'अर्थ
3.
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी
हे ब्रह्मा, हे विष्णु, हे शिव आप तीनों से ही ये सृष्टि चलती है. हे तीनों लोकों के स्वामी आप सूर्य, चंद्रमा, भूमि, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु सभी ग्रहों को शांत रखें.