हरियाणा : सीएम सैनी ने दिया आढ़तियों को तोहफा; कमिशन में 46 रुपये से 55 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी किसानों से अनुरोध किया है कि वे किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। हमारी सरकार प्रदेश में डीएपी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि रबी फसलों की बुवाई में किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। आज के दिन डीएपी का स्टॉक 23,118 मीट्रिक टन विभिन्न जिलों में उपलब्ध है। अगले दो से तीन दिनों के भीतर राज्य के विभिन्न जिलों में 9,172 मीट्रिक टन और डीएपी प्राप्त हो जाएगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने खाद की उपलब्धता के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। कांग्रेस के नेता किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि हरियाणा में खाद का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और उसका वितरण भी सही तरीके से सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में डीएपी स्टॉक पिछले वर्ष की मांग के बराबर ही है। पिछले वर्ष 1 अक्तूबर से 9 नवंबर तक डीएपी की खपत 1,46,152 मीट्रिक टन थी। इस बार 9 नवंबर, 2024 तक 1,54,540 मीट्रिक टन की खपत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हरियाणा को नवंबर माह के लिए 1,10,200 मीट्रिक टन डीएपी आवंटित किया है। इसके अलावा, राज्य में सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) का 71,281 मीट्रिक टन और एनपीके का 24,343 मीट्रिक टन का स्टॉक अब भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आढ़तियों के हितों के लिए काम किया है। हमारी सरकार ने आढ़तिया कमीशन 46 रुपये प्रति क्विंटल को बढ़ाकर 55 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। 9 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
इसके अलावा, सरकार ने सभी राईस मिलर्स की सभी समस्याओं का हर संभव समाधान किया है। प्रदेश में सी.एम.आर. डिलीवरी के लिए सभी राईस मिलर्स को 31 अगस्त, 2024 तक 62.58 करोड़ रुपये बोनस दिया है। इसके अलावा, हाइब्रिड किस्म के धान के आउट टर्न रेश्यो का मामला भी भारत सरकार के समक्ष रखा गया है। मुख्यमंत्री ने खरीफ फसलों की खरीद के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान धान के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 4,84,927 किसान पंजीकृत हैं। हमारी सरकार ने फसल का भुगतान के लिए भी संपूर्ण व्यवस्था बनाई। फसल खरीद के बाद 72 घंटों के अंदर- अंदर किसानों के खातों में पैसा पहुंचाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में 50,46,872.45 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है, जिसकी एवज में किसानों को 11,296 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है। उन्होंने हरियाणा सरकार के किसान हितैषी निर्णय और फसल खरीद के लिए मंडियों में किए गए इंतजामों को देखकर पड़ोसी राज्यों के किसान भी हरियाणा की मंडियों में अपनी फसल बेचने के लिए इच्छुक हैं। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारी सरकार की किसान हितैषी नीतियां कांग्रेस को हजम नहीं हो रही है। किसानों के हितों का दम भरने वाली कांग्रेस के लिए किसानों का नहीं बल्कि उनका अपना स्वार्थ सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में तो किसानों को एमएसपी पर फसलों की खरीद करवाने के लिए आंदोलन करना पड़ा, जबकि हरियाणा में हमारी सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए और किसानों की फसल का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदा जा रहा है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने खाद की उपलब्धता के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। कांग्रेस के नेता किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि हरियाणा में खाद का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और उसका वितरण भी सही तरीके से सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में डीएपी स्टॉक पिछले वर्ष की मांग के बराबर ही है। पिछले वर्ष 1 अक्तूबर से 9 नवंबर तक डीएपी की खपत 1,46,152 मीट्रिक टन थी। इस बार 9 नवंबर, 2024 तक 1,54,540 मीट्रिक टन की खपत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हरियाणा को नवंबर माह के लिए 1,10,200 मीट्रिक टन डीएपी आवंटित किया है। इसके अलावा, राज्य में सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) का 71,281 मीट्रिक टन और एनपीके का 24,343 मीट्रिक टन का स्टॉक अब भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आढ़तियों के हितों के लिए काम किया है। हमारी सरकार ने आढ़तिया कमीशन 46 रुपये प्रति क्विंटल को बढ़ाकर 55 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। 9 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
इसके अलावा, सरकार ने सभी राईस मिलर्स की सभी समस्याओं का हर संभव समाधान किया है। प्रदेश में सी.एम.आर. डिलीवरी के लिए सभी राईस मिलर्स को 31 अगस्त, 2024 तक 62.58 करोड़ रुपये बोनस दिया है। इसके अलावा, हाइब्रिड किस्म के धान के आउट टर्न रेश्यो का मामला भी भारत सरकार के समक्ष रखा गया है। मुख्यमंत्री ने खरीफ फसलों की खरीद के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान धान के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 4,84,927 किसान पंजीकृत हैं। हमारी सरकार ने फसल का भुगतान के लिए भी संपूर्ण व्यवस्था बनाई। फसल खरीद के बाद 72 घंटों के अंदर- अंदर किसानों के खातों में पैसा पहुंचाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में 50,46,872.45 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है, जिसकी एवज में किसानों को 11,296 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है। उन्होंने हरियाणा सरकार के किसान हितैषी निर्णय और फसल खरीद के लिए मंडियों में किए गए इंतजामों को देखकर पड़ोसी राज्यों के किसान भी हरियाणा की मंडियों में अपनी फसल बेचने के लिए इच्छुक हैं। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारी सरकार की किसान हितैषी नीतियां कांग्रेस को हजम नहीं हो रही है। किसानों के हितों का दम भरने वाली कांग्रेस के लिए किसानों का नहीं बल्कि उनका अपना स्वार्थ सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में तो किसानों को एमएसपी पर फसलों की खरीद करवाने के लिए आंदोलन करना पड़ा, जबकि हरियाणा में हमारी सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए और किसानों की फसल का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदा जा रहा है।