हरियाणा : अब कर्मचारी भी ले सकेंगे लोन; 14 साल बाद सरकार का तोहफा
हरियाणा सरकार ने 14 साल बाद सरकारी कर्मचारियों को एडवांस और कर्ज को लेकर बड़ी राहत दी है। सरकार ने 14 साल बाद गृह निर्माण, विवाह, वाहन और कंप्यूटर खरीदने के लिए अग्रिम और ऋण की सीमा में बढ़ोतरी की है। इससे पहले 2010 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में यह बढ़ोतरी की थी। सरकार के इस फैसले से सरकारी कर्मचारी अब मकान बनाने के लिए 25 लाख रुपए तक एडवांस ले सकेंगे। बेटे-बेटी की शादी के लिए तीन लाख रुपए का कर्ज मिल सकेगा। वाहन और कंप्यूटर खरीदने के लिए भी ऋण की राशि में बढ़ोतरी की गई है।
यह निर्देश वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने अग्रिम राशि में बढ़ातेरी को लेकर सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, मंडल आयुक्तों, उपायुक्त एवं उपमंडल अधिकारी (नागरिक) को जारी कर दिए हैं।
10 महीने का मूल वेतन या किसी भी वेतन मैट्रिक्स में अधिकतम पांच लाख रुपए अग्रिम लिए जा सकेंगे। मकान के विस्तार के लिए खरीद के तीन साल और मरम्मत के लिए मकान खरीदने के पांच साल के भीतर ही यह राशि दी जाएगी।
हरियाणा के सरकारी कर्मचारी अपने पुत्र-पुत्री या बहन सहित किसी अन्य आश्रित के विवाह के लिए 10 माह का मूल वेतन और अधिकतम तीन लाख रुपये अग्रिम ले सकेंगे। यह अग्रिम राशि पूरी सेवा के दौरान केवल दो बार मिल सकेगी। ब्याज दर जीपीएफ के बराबर होगी। दूसरा अग्रिम राज्य सरकार द्वारा प्रथम विवाह अग्रिम के लिए निर्धारित ब्याज दर पर उपलब्ध होगा।
यह निर्देश वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने अग्रिम राशि में बढ़ातेरी को लेकर सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, मंडल आयुक्तों, उपायुक्त एवं उपमंडल अधिकारी (नागरिक) को जारी कर दिए हैं।
10 महीने का मूल वेतन या किसी भी वेतन मैट्रिक्स में अधिकतम पांच लाख रुपए अग्रिम लिए जा सकेंगे। मकान के विस्तार के लिए खरीद के तीन साल और मरम्मत के लिए मकान खरीदने के पांच साल के भीतर ही यह राशि दी जाएगी।
हरियाणा के सरकारी कर्मचारी अपने पुत्र-पुत्री या बहन सहित किसी अन्य आश्रित के विवाह के लिए 10 माह का मूल वेतन और अधिकतम तीन लाख रुपये अग्रिम ले सकेंगे। यह अग्रिम राशि पूरी सेवा के दौरान केवल दो बार मिल सकेगी। ब्याज दर जीपीएफ के बराबर होगी। दूसरा अग्रिम राज्य सरकार द्वारा प्रथम विवाह अग्रिम के लिए निर्धारित ब्याज दर पर उपलब्ध होगा।