करनाल : असंध में धान की खरीद न होने से गुस्साए किसानो ने किया नेशनल हाईवे जाम; जुंडला में रोड़ जाम
हरियाणा में करनाल जिले के असंध व जुंडला में किसानों ने रविवार को नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया। किसानों का आरोप है कि मंडी में पड़ी उनकी धान नहीं खरीदी जा रही। धान में नमी की मात्रा ज्यादा बता दी जाती है। कई दिनों से मंडी में धान न बिकने के कारण गुस्साए किसानों ने सड़क जाम कर दी।
जाम की सूचना मिलते ही असंध डीएसपी सतीश गौतम व थाना प्रभारी सुरेश कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने किसानों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन किसान अपनी मांग पर अटल रहे। किसानों की बैठक मार्केट कमेटी के अधिकारियों के साथ हुई। इसमें किसानों को पूरा आश्वासन दिया कि उनको कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। जुंडला मंडी के बाहर लगे जाम को खुलवा दिया गया है, लेकिन असंध में जाम खुलवाने के प्रयास जारी है।
किसान नेता छत्रपाल सिंह, सुखविंद्र सिंह हलका प्रधान, जोगिंद्र झिंदा और अन्य प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि 23 सितंबर से धान की खरीद शुरू होनी थी, लेकिन बारिश की वजह से खरीददारी की तारीख बढ़ाकर 1 अक्टूबर कर दी गई थी। किसानों को नुकसान न हो। लेकिन किसान 22 सितंबर से ही अपनी धान को मंडी में लेकर पहुंचना शुरू हो गए थे। इसके बाद से ही किसान परेशान नजर आ रहे हैं।
किसानों का कहना है कि मंडी में धान की ढेरी पड़ी होगी, तो उसमें उमस बन जाती है और पड़ी-पड़ी में ही मॉश्चर की मात्रा बढ़ जाती है।
जाम की सूचना मिलते ही असंध डीएसपी सतीश गौतम व थाना प्रभारी सुरेश कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने किसानों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन किसान अपनी मांग पर अटल रहे। किसानों की बैठक मार्केट कमेटी के अधिकारियों के साथ हुई। इसमें किसानों को पूरा आश्वासन दिया कि उनको कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। जुंडला मंडी के बाहर लगे जाम को खुलवा दिया गया है, लेकिन असंध में जाम खुलवाने के प्रयास जारी है।
किसान नेता छत्रपाल सिंह, सुखविंद्र सिंह हलका प्रधान, जोगिंद्र झिंदा और अन्य प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि 23 सितंबर से धान की खरीद शुरू होनी थी, लेकिन बारिश की वजह से खरीददारी की तारीख बढ़ाकर 1 अक्टूबर कर दी गई थी। किसानों को नुकसान न हो। लेकिन किसान 22 सितंबर से ही अपनी धान को मंडी में लेकर पहुंचना शुरू हो गए थे। इसके बाद से ही किसान परेशान नजर आ रहे हैं।
किसानों का कहना है कि मंडी में धान की ढेरी पड़ी होगी, तो उसमें उमस बन जाती है और पड़ी-पड़ी में ही मॉश्चर की मात्रा बढ़ जाती है।