जींद : झूठी शिकायत से आहत होकर महिला स्वास्थकर्मी ने जहर खाकर दी जान
जींद के भूसलाना गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र में तैनात महिला एमपीएचडब्ल्यू (मल्टीपर्पस हेल्थ वर्कर) लक्ष्मी ने झूठी जातिसूचक गालियों की शिकायत और कार्यस्थल पर उत्पीड़न से आहत होकर जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली। मृतका के पति राममेहर ने बताया कि उसकी पत्नी पर आशा वर्कर बानो देवी, कंप्यूटर सहायक प्रदीप और कोर्डिनेटर जगदीप द्वारा लगातार मानसिक दबाव बनाया जा रहा था।
घटना की शुरुआत तब हुई जब लक्ष्मी ने आशा वर्कर बानो देवी के खिलाफ एसएमओ (सीनियर मेडिकल ऑफिसर) को शिकायत दी थी, जिसके बाद बानो देवी ने लक्ष्मी पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का झूठा आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवा दी। इसके बाद से ही लक्ष्मी मानसिक रूप से परेशान चल रही थी।
राममेहर ने बताया कि कंप्यूटर सहायक प्रदीप, जो लक्ष्मी से दोस्ती करने के लिए गलत इरादे रखता था, उसने भी बानो देवी का साथ दिया और लक्ष्मी को झूठे बिलों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। 27 सितंबर को लक्ष्मी ने बिलों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया, जिसके बाद बानो देवी ने उसे धमकाते हुए कहा कि अगर उसकी बात नहीं मानी, महंगा पड़ेगा।
28 सितंबर को, इस उत्पीड़न से परेशान होकर लक्ष्मी ने उप स्वास्थ्य केंद्र में ही जहरीला पदार्थ सेवन कर लिया। उसे तुरंत नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत गंभीर होने पर उसे पानीपत के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
लक्ष्मी ने अपने सुसाइड नोट में बानो देवी, प्रदीप और जगदीप को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। सफीदों सदर थाना पुलिस ने तीनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
घटना की शुरुआत तब हुई जब लक्ष्मी ने आशा वर्कर बानो देवी के खिलाफ एसएमओ (सीनियर मेडिकल ऑफिसर) को शिकायत दी थी, जिसके बाद बानो देवी ने लक्ष्मी पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का झूठा आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवा दी। इसके बाद से ही लक्ष्मी मानसिक रूप से परेशान चल रही थी।
राममेहर ने बताया कि कंप्यूटर सहायक प्रदीप, जो लक्ष्मी से दोस्ती करने के लिए गलत इरादे रखता था, उसने भी बानो देवी का साथ दिया और लक्ष्मी को झूठे बिलों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। 27 सितंबर को लक्ष्मी ने बिलों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया, जिसके बाद बानो देवी ने उसे धमकाते हुए कहा कि अगर उसकी बात नहीं मानी, महंगा पड़ेगा।
28 सितंबर को, इस उत्पीड़न से परेशान होकर लक्ष्मी ने उप स्वास्थ्य केंद्र में ही जहरीला पदार्थ सेवन कर लिया। उसे तुरंत नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत गंभीर होने पर उसे पानीपत के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
लक्ष्मी ने अपने सुसाइड नोट में बानो देवी, प्रदीप और जगदीप को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। सफीदों सदर थाना पुलिस ने तीनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।